अगरतला. टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के विधायक फिलिप रियांग ने मंगलवार को तेलंगाना के राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा के बेटे और तीन अन्य पर उन्हें और उनके परिवार के सदस्यों को जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए त्रिपुरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.
टीएमपी त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)की सहयोगी है, जबकि जिष्णु देव वर्मा राज्य के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं.
अपनी शिकायत में रियांग ने दावा किया कि यह घटना सोमवार रात पश्चिमी त्रिपुरा के खजूर बागान इलाके में ‘एमएलए हॉस्टल’ के अंदर हुई , जो ‘एक गहरी साजिश का हिस्सा है.’ टीएमपी विधायक ने ‘न्यू कैपिटल कॉम्प्लेक्स (एनसीसी) थाने में दर्ज करायी अपनी लिखित शिकायत में कहा,”मैं अपने परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहा था… (तभी) तीन व्यक्ति मेरे क्वार्टर की सीढि.यों के पास आए और मुझे गलत तरीके से रोक लिया और हमारी पारिवारिक चर्चा में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया.”
रियांग ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने उन्हें वहां से चले जाने को कहा, तो ‘वे और आक्रामक हो गए तथा मुझे निशाने पर लेते हुए हिंसक और अपमानजनक शब्द बोलने लगे, यहां तक कि मेरा गला काटने की बात भी कही.” उन्होंने आरोप लगाया कि तेलंगाना के राज्यपाल के बेटे पथिक देव वर्मा समेत तीन लोग भाजपा विधायक प्रमोद रियांग के क्वार्टर से बाहर आए.
टीएमपी विधायक ने दावा किया कि उन्होंने कहा कि वे मुझे और मेरे परिवार के सदस्यों को मारने के लिए 400 से 500 भाजपा कार्यकर्ताओं को लाएंगे. रियांग ने शिकायत में कहा कि उन्होंने टीएमपी विधायक बिस्वजीत कलाई के आवास में शरण लेकर ‘अपनी जान बचाई’. उन्होंने कहा कि धमकी के बाद वह और उनके परिवार के सदस्य असुरक्षित महसूस कर रहे थे. ‘पीटीआई-भाषा’ के पास शिकायत की एक प्रति मौजूद है.
रियांग ने संवाददाताओं से कहा, ”मैंने अपनी शिकायत में पथिक देव वर्मा समेत दो लोगों को नामजद किया है. मैं बाकी दो लोगों की पहचान नहीं कर सका.” यह पूछे जाने पर कि क्या वह कानूनी तंत्र के बाहर समझौता चाहते हैं क्योंकि टीएमपी भाजपा के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का एक घटक है, उन्होंने कहा कि थाने के प्रभारी अधिकारी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि पुलिस कानून के अनुसार कार्रवाई करेगी.
कंचनपुर विधायक रियांग ने कहा, ”मैं एक-एक कदम आगे बढ़ूंगा.” इससे पहले दिन में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अनुराग धनखड़ ने बताया था कि सोमवार रात ‘एमएलए हॉस्टल’ में विधायक और तीन अज्ञात लोगों के बीच बहस हुई थी. डीजीपी ने कहा, ”पुलिस ने विधायक को धमकी देने वालों की पहचान के लिए जांच शुरू कर दी है. आमतौर पर केवल मेहमानों को ही ‘हॉस्टल’ में प्रवेश की अनुमति होती है. हम मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं.” इस घटना पर चिंता व्यक्त करते हुए टीएमपी विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री माणिक साहा से उनके कार्यालय में मुलाकात की और ‘एमएलए हॉस्टल’ में विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया. भाजपा ने इस आरोप पर अबतक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. त्रिपुरा की मुख्य विपक्षी पार्टी टीएमपी पिछले साल मार्च में लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई थी. विधानसभा में पार्टी के 13 सदस्य हैं.