हांगकांग. भारत के उदीयमान खिलाड़ी आयुष शेट्टी ने गुरुवार को यहां हांगकांग ओपन सुपर 500 बैडमिंटन टूर्नामेंट में बड़ा उलटफेर करते हुए 2023 के विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता जापान के कोडाई नाराओका को तीन गेम तक चले कड़े मुकाबले में हराकर पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया.
जून में यूएस ओपन सुपर 300 का खिताब जीतने वाले कर्नाटक के 20 वर्षीय खिलाड़ी ने अपनी आक्रामक शैली और बेहतरीन कोर्ट कवरेज का प्रदर्शन करते हुए जापानी शटलर को 72 मिनट तक चले रोमांचक मुकाबले में 21-19, 12-21, 21-14 से हराया.
क्वार्टर फाइनल में आयुष का सामना हमवतन खिलाड़ी लक्ष्य सेन से होगा.
इस मुकाबले के बारे में पूछने पर उन्होंने बीडब्ल्यूएफ से कहा ,” हम आज डिनर के लिये जा रहे हैं . पता नहीं मैच के बारे में बात करेंगे या नहीं . मैने हाल ही में उसके खिलाफ घरेलू टूर्नामेंट में खेला था जिसमे उसने तीन मैच जीते . उम्मीद है कि इस बार नतीजा मेरे पक्ष में रहेगा .” इससे पहले लक्ष्य छह महीने में पहली बार किसी शीर्ष बीडब्ल्यूएफ विश्व टूर प्रतियोगिता के पुरुष एकल क्वार्टर फाइनल में पहुंचे जबकि सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी ने भी इस 500,000 डॉलर इनामी टूर्नामेंट के पुरुष युगल के अंतिम आठ में जगह बनाई. विश्व चैंपियनशिप के पूर्व कांस्य पदक विजेता और वर्तमान में विश्व रैंकिंग में 20वें स्थान पर काबिज लक्ष्य ने दूसरे दौर में हमवतन एचएस प्रणय को 15-21, 21-18, 21-10 से हराया.
इस सत्र में चोटों और खराब फॉर्म से जूझ रहे लक्ष्य ने आखिरी बार मार्च में ऑल इंग्लैंड सुपर 1000 के सेमीफाइनल में जगह बनाई थी और मकाऊ ओपन सुपर 300 में भी इसी चरण तक पहुंचे थे, लेकिन इसके अलावा उन्हें शुरुआती दौर में ही बाहर होना पड़ा था.
सात्विक और चिराग की आठवीं वरीयता प्राप्त भारतीय जोड़ी ने पहला गेम गंवाने के बाद वापसी करते हुए थाईलैंड के पीराचाई सुकफुन और पक्कापोन तीरात्साकुल को 63 मिनट तक चले मुकाबले में 18-21, 21-15, 21-11 से हराया.
बीडब्ल्यूएफ विश्व जूनियर चैंपियनशिप 2023 के कांस्य पदक विजेता आयुष ने नाराओका के खिलाफ शुरू से आक्रामक रवैया अपनाया. शुरुआती गेम में मुकाबला उतार-चढ़ाव भरा रहा, जब आयुष 2-5, 9-12 और 13-15 से पीछे चल रहे थे, लेकिन उन्होंने अपने तेज. स्मैश से दबाव बनाना जारी रखा और आखिर में यह गेम 21-19 से जीत लिया. नाराओका ने दूसरे गेम में वापसी की और इंटरवल तक 11-5 की बढ़त बना ली और इसके बाद इसे बरकरार रखते हुए मैच बराबर कर दिया.
आयुष ने निर्णायक गेम में अपना धैर्य बनाए रखा और जल्द ही 8-4 की बढ़त बना ली. उन्होंने अपने तीखे स्मैश से फ्रंट कोर्ट पर दबदबा बनाया और नाराओका को गलतियां करने पर मजबूर करके अपनी बढ़त को 17-10 तक पहुंचा दिया. इसके बाद जापानी खिलाड़ी की गलती से आयुष को आठ मैच प्वाइंट मिले. उन्होंने दो प्वाइंट गंवाकर यादगार जीत दर्ज की.
पुरुष एकल के एक अन्य मैच में प्रणय अच्छी लय में दिखे और उन्होंने पहले गेम में आसानी से बढ़त बना ली तथा बिना किसी परेशानी के शुरुआत से अंत तक इसे बरकरार रखकर पहला गेम अपने नाम किया. दूसरे गेम में दोनों भारतीय खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. इस दौरान बढ़त बार-बार हाथ बदलती रही. जब स्कोर 18-18 से बराबर था तब प्रणय का स्मैश बाहर चला गया. लक्ष्य ने दो गेम प्वाइंट हासिल किए और मैच को निर्णायक गेम तक खींच दिया.
तीसरे और निर्णायक गेम में प्रणय ने फिर से 5-2 की बढ़त बना ली थी, लेकिन इसके बाद वह लगातार गलतियां करते रहे जिसके कारण वह 9-13 से पीछे हो गए. नेट शॉट की मदद से लक्ष्य ने 16-10 से बढत हासिल की. प्रणय लगातार गलतियां करते रहे और लक्ष्य ने इसका पूरा फायदा उठाकर 10 मैच प्वाइंट हासिल कर लिए और प्रणय के एक और शॉट पर चूकने पर मैच अपने नाम कर लिया. पिछले महीने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाले सात्विक और चिराग का अगला मुकाबला मलेशिया के जुनैदी आरिफ और रॉय किंग याप से होगा.
भारतीय जोड़ी की शुरुआत धीमी रही और पहले गेम में वह 8-11 से पीछे चल रही थीं. इसके बाद उन्होंने वापसी करते हुए स्कोर 18-18 कर लिया, लेकिन थाई जोड़ी ने आखिरी तीन अंक हासिल कर पहला गेम अपने नाम कर दिया. सात्विक और चिराग ने दूसरे गेम में बेहतर खेल दिखाया. इस गेम के शुरू में हालांकि उन्हें कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा तथा एक समय स्कोर 2-2 और फिर 7-7 से बराबर था. भारतीय जोड़ी ने इंटरवल तक 11-10 की बढ़त हासिल कर ली और लगातार बढ़त बनाते हुए मैच को निर्णायक गेम तक ले गई.
तीसरा गेम एकतरफा रहा जिसमें सात्विक और चिराग ने 7-2 की बढ़त बना ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा. किरण जॉर्ज हालांकि ताइपै के चोउ तियेन चेन से 6 . 21, 12 . 21 से हारकर बाहर हो गए . रितुपर्णा और श्वेतापर्णा पांडा भी महिला युगल में चीन की पांचवीं वरीयता प्राप्त लि यि जिंग और लुओ शू मिन से 12 . 21, 7 . 21 से हार गईं .