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Home»Chhattisgarh»‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ में मिले 967 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव
Chhattisgarh

‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ में मिले 967 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव

Team RashtrawaniBy Team RashtrawaniSeptember 12, 2025No Comments6 Mins Read
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‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ में मिले 967 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव
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रायपुर. छत्तीसगढ़ में बृहस्पतिवार को स्वास्थ्य सेवा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों के प्रमुख उद्योगपतियों से 967 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनके क्रियान्वयन से 2,100 से अधिक रोजगार सृजित होने की उम्मीद है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि यह प्रस्ताव बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में आयोजित बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम के दौरान प्राप्त हुए.

उन्होंने बताया कि बस्तर में अबतक 967 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिससे 2,100 से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण, डेयरी, पर्यटन, निर्माण और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में यह निवेश लहर बस्तर को एक सच्चे ‘निवेश गंतव्य’ के रूप में स्थापित कर रही है.

कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, ”हमारी नई औद्योगिक नीति के केंद्र में बस्तर है. खनिज संसाधनों और प्रचुर प्राकृतिक संपदा से भरा यह इलाका विकास की विपुल संभावनाएं अपने भीतर समेटे हुए है. माओवाद बस्तर के विकास की राह में कांटे की तरह चुभ रहा था और नक्सलवादी आतंक ने बस्तर के विकास को जकड़ कर रखा था. हमने संकल्प लिया कि बस्तर को मुख्यधारा में लाएंगे और इसे विकसित छत्तीसगढ़ की केंद्रीय धुरी बनाएंगे.” साय ने कहा, ”हमारे बहादुर जवानों और बस्तर वासियों ने साहस और दृढ़ संकल्प से माओवाद का मुकाबला किया और आज बस्तर माओवाद के काले इतिहास को मिटाकर निवेश का ्स्विवणम अध्याय लिखने की राह पर आगे बढ़ रहा है. मार्च, 2026 तक माओवाद की बची-खुची निशानियां भी समाप्त हो जाएंगी और नक्सल मुक्त बस्तर और भी तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ेगा.”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”जापान के तोक्यो, ओसाका और दक्षिण कोरिया के सियोल के बाद इन्वेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम की अगली श्रृंखला के लिए हमने बस्तर संभाग का चुनाव किया और हमें खुशी है कि इतनी जल्दी यह आयोजन हम कर सके. यह बुलेट ट्रेन की रफ्तार का दौर है और इस रफ्तार से कदमताल करते हुए विकसित भारत-विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करके हमने नई औद्योगिक नीति का निर्माण किया है. हमारी यह नीति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिखाए गए सुशासन के परफॉर्म, रिफार्म और ट्रांसफार्म के मंत्र पर तैयार की गई है.”

उन्होंने कहा, ”विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की बुनियाद तेजी से विकसित होते उद्योगों के आधार पर रखी जाएगी. इसे ध्यान में रखते हुए नई औद्योगिक नीति में राज्य में निवेश के लिए अनुदान प्रावधान और प्रोत्साहन रखे गए हैं तथा कारोबार सुगमता और स्पीड ऑफ डूइंग बिजनेस के संकल्प के अनुरूप साढ़े तीन सौ से अधिक रिफार्म किए गए हैं. हमने जापान और दक्षिण कोरिया के अलावा मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु तथा नवा रायपुर में भी इन्वेस्टमेंट समिट किए हैं. नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद अब तक हमारे पास लगभग छह लाख 65 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं.”

मुख्यमंत्री ने कहा, ”आकर्षक अनुदान प्रावधानों के साथ ही हम ऐसी अधोसंरचना भी उद्यमियों को दे रहे हैं जिससे एकल खिड़की प्रणाली से निवेश प्रस्ताव स्वीकृत होते ही वे औद्योगिक क्षेत्र में अपना उद्यम लगा सकें. नवा रायपुर इसका उदाहरण है, जहां भारत का पहला एआई डाटा सेंटर पार्क बनाया गया है. यहां फार्मास्युटिकल पार्क, मेडिसिटी और ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर भी बनाए जा रहे हैं. जगदलपुर के ग्राम फ्रेजरपुर और गीदम रोड में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं. नगरनार के निकट नियानार में 118 एकड़ क्षेत्र में नवीन औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया गया है. कांकेर के ग्राम लखनपुरी, दंतेवाड़ा के टेकनार और नारायणपुर में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित हैं.” उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा सुकमा के साथ ग्राम पाकेला, फंदीगुड़ा, कोंडागांव के ग्राम अड़का-छेपड़ा और बीजापुर के ग्राम कोडोली में भी औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना की जा रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर भारत का स्वर्ग है और इसे देखने बड़े पैमाने पर लोग आएं, इसके लिए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है. जो उद्यमी बस्तर में पर्यटन क्षेत्र में निवेश करेंगे, उन्हें 45 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी. उन्होंने कहा कि बस्तर में वनोपज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं और इनके प्रसंस्करण से जुड़ी इकाइयां लगाने पर विशेष प्रावधान किए गए हैं. सबसे खास बात यह है कि बस्तर में कौशल विकास पर सबसे अधिक जोर दिया जा रहा है. कोर इंडस्ट्री और नये दौर के उद्योगों के अनुरूप बस्तर के सभी 32 ब्लॉक में कौशल विकास केंद्र बनाए जा रहे हैं.

अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम में विशेष रूप से नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए विशेष अनुदान की घोषणा की गई. यदि वे उद्योग स्थापित करना चाहते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा. कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन भी मौजूद थे.

बस्तर की समृद्धि प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की गाथा लिखेगी– मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
हमारी नई औद्योगिक नीति के केंद्र में बस्तर है. खनिज संसाधनों और प्रचुर प्राकृतिक संपदा से भरा यह इलाका विकास की विपुल संभावनाएँ अपने भीतर समेटे हुए है. माओवाद बस्तर के विकास की राह में कांटे की तरह चुभ रहा था और नक्सलवादी आतंक ने बस्तर के विकास को जकड़ कर रखा था. हमने संकल्प लिया कि बस्तर को मुख्यधारा में लाएँगे और इसे विकसित छत्तीसगढ़ की केंद्रीय धुरी बनाएंगे. हमारे बहादुर जवानों और बस्तरवासियों ने साहस और दृढ़ संकल्प से माओवाद का मुकाबला किया और आज बस्तर माओवाद के काले इतिहास को मिटाकर निवेश का स्वर्णिम अध्याय लिखने की राह पर आगे बढ़ रहा है. मार्च 2026 तक माओवाद की बची-खुची निशानियाँ भी समाप्त हो जाएंगी और नक्सलमुक्त बस्तर और भी तेजी से विकास की राह पर आगे बढ़ेगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जगदलपुर में छत्तीसगढ़ इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जापान के टोक्यो, ओसाका और दक्षिण कोरिया के सियोल के बाद इंवेस्टर्स कनेक्ट कार्यक्रम की अगली श्रृंखला के लिए हमने बस्तर संभाग का चुनाव किया और हमें खुशी है कि इतनी जल्दी यह आयोजन हम कर सके. यह बुलेट ट्रेन की रफ्तार का दौर है और इस रफ्तार से कदमताल करते हुए विकसित भारत–विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण करने हमने नई औद्योगिक नीति का निर्माण किया है. हमारी यह नीति यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिखाए गए सुशासन के परफार्म, रिफार्म और ट्रांसफार्म के मंत्र पर तैयार की गई है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण की बुनियाद तेजी से विकसित होते उद्योगों के आधार पर रखी जाएगी. इसे ध्यान में रखते हुए नई औद्योगिक नीति में राज्य में निवेश के लिए अनुदान प्रावधान और प्रोत्साहन रखे गए हैं तथा इज ऑफ डूइंग बिज़नेस और स्पीड आफ डूइंग बिज़नेस के संकल्प के अनुरूप साढ़े तीन सौ से अधिक रिफार्म किए गए हैं. हमने जापान और दक्षिण कोरिया के अलावा मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु तथा नवा रायपुर में भी इंवेस्टमेंट समिट किए हैं. नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद अब तक हमारे पास लगभग 6 लाख 65 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं. नई नीति में कोर सेक्टर के साथ आईटी, एआई, फार्मा, टेक्सटाइल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा ग्रीन एनर्जी से जुड़े माध्यमों पर विशेष अनुदान प्रावधान रखे गए हैं.

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