जगदलपुर/बीजापुर. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में पुल पार करने के दौरान एक कार के पानी में बहने से उसमें सवार दंपति और उनकी दो बेटियों की मौत हो गई. वहीं एक अन्य घटना में बीजापुर जिले में नदी पार करते समय एक व्यक्ति बह गया. पुलिस अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी.
जगदलपुर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि बस्तर जिले में मंगलवार शाम कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में बाढग़्रस्त कांगेर नाला पार करते समय एक कार के तेज बहाव में बह जाने से एक परिवार के चार सदस्य डूब गए. उन्होंने बताया कि मृतकों की पहचान राजेश कुमार जी (43), उनकी पत्नी पवित्रा (40) और उनकी दो बेटियों सौजन्या (सात) और सौमैय्या (चार) के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि कार चालक लाला यदु ने एक पेड़ को पकड़कर अपनी जान बचाई. बाद में उसे नाले से बाहर निकाला गया.
अधिकारी ने बताया कि राजेश तमिलनाडु के मूल निवासी थे और रायपुर में ठेकेदार के तौर पर काम करते थे. परिवार बस्तर घूमने गया था. उन्होंने बताया कि जब वह कांगेर नाला पार कर रहे थे तब उनकी कार नाले में डूब गई. नदी का जलस्तर कम होने के बाद मंगलवार देर शाम चारों के शव बाहर निकाले गए. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक अन्य घटना में, मंगलवार को बीजापुर जिले में उफनती चेरपाल नदी को पार करते समय एक व्यक्ति बह गया. उसकी तलाश जारी है.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य के बस्तर संभाग में पिछले 36 घंटों के दौरान हो रही बारिश से क्षेत्र के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं. राज्य शासन ने अधिकारियों को बाढ़ की स्थिति से निपटने और राहत और बचाव कार्य शुरू करने के लिए सतर्क रहने कहा है. उन्होंने बताया कि क्षेत्र के बस्तर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों में पिछले 36 घंटों में 68 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि बचाव अभियान में हेलीकॉप्टर, नाव और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के जवान शामिल हैं.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जापान प्रवास के दौरान छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में हुई अतिवृष्टि से उत्पन्न बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त रीना बाबासाहेब कंगाले और बस्तर संभाग आयुक्त डोमन सिंह से दूरभाष पर चर्चा कर राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की जानकारी ली तथा आवश्यक निर्देश दिए.
राजस्व सचिव कंगाले ने मुख्यमंत्री को बताया कि दंतेवाड़ा, बीजापुर और बस्तर जिले में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा, दरभा और तोकापाल विकासखंड में प्रशासन लगातार राहत कार्य संचालित कर रहा है. लोहंडीगुड़ा विकासखंड के मांदर गांव से 21 ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला गया है. वहीं, लोहंडीगुड़ा क्षेत्र में हेलीकॉप्टर और नाव की सहायता से ग्रामीणों को बचा कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. बीते 24 घंटों में 68 से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है.
साय ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एसडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखा जाए और राहत कार्यों में किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए. उन्होंने संभाग के सभी कलेक्टरों को निचले इलाकों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क करने और सुरक्षित स्थानों पर जल्द पहुंचाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने राहत कार्यों में जुटे प्रशासनिक अमले, एसडीआरएफ और पुलिस बल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि राज्य सरकार आम जनता की सुरक्षा की खातिर हरसंभव कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है. साय ने कहा, ”जनता की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. मैंने प्रशासनिक अधिकारियों और एसडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रहने और आवश्यकता अनुरूप प्रभावितों को सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए हैं.”