बेंगलुरु. कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने मंगलवार को आरोप लगाया कि धर्मस्थल के खिलाफ “षड्यंत्र” और “बदनाम करने के अभियान” के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी हैं. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के भीतर आंतरिक कलह इसके लिए जिम्मेदार है.
भाजपा के “धर्मस्थल चलो” आंदोलन और एक सितंबर को धर्मस्थल में आयोजित होने वाली विशाल रैली पर निशाना साधते हुए उन्होंने धर्मस्थल मंजूनाथ स्वामी मंदिर के धर्माधिकारी वीरेंद्र हेगड़े से आग्रह किया कि वे इस पवित्र स्थान का राजनीति के लिए दुरुपयोग न होने दें.
शिवकुमार ने कहा, “भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है. इतने दिनों से वे चुप थे और मुंह बंद किए हुए थे. उनकी पार्टी के नेताओं ने एसआईटी जांच का स्वागत किया था. (धर्माधिकारी के) परिवार ने भी एसआईटी जांच का स्वागत किया है. हम सच्चाई सामने लाने की कोशिश कर रहे हैं. अब वे (भाजपा) धर्मस्थल को अपवित्र करने की कोशिश कर रहे हैं.” यहां पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “मैं धर्मस्थल के धर्माधिकारी से अपील करता हूं कि वे धार्मिक स्थल को राजनीतिक साजिश का शिकार न बनने दें. कृपया धर्मस्थल का राजनीति के लिए दुरुपयोग न होने दें. यह मेरा वीरेंद्र हेगड़े से अनुरोध है, जिनका समाज सम्मान करता है.”
उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा के दो समूहों के बीच आंतरिक लड़ाई इस “षड्यंत्र” का कारण है. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना कहा, “मैं ऑन रिकॉर्ड कह रहा हूं. यह भाजपा के भीतर की आंतरिक लड़ाई है….” उन्होंने कहा, “भाजपा और उसके सहयोगियों ने ही साजिश रची और धर्मस्थल पर कलंक लगाने की कोशिश की. अब वे इस बात को छुपाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि कहीं हम नाम उजागर न कर दें. हम राजनीति नहीं करना चाहते.” विवाद तब शुरू हुआ जब एक शिकायतकर्ता, जिसकी बाद में पहचान सी. एन. चिन्नैया के रूप में हुई और जिसे झूठी गवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया, ने दावा किया कि पिछले दो दशकों में धर्मस्थल में यौन उत्पीड़न के निशान वाली महिलाओं सहित कई शवों को दफनाया गया है, जिसके निहितार्थ स्थानीय मंदिर के प्रशासकों की ओर इशारा करते हैं.
भाजपा मंदिर को निशाना बनाए जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है और धर्मस्थल के खिलाफ “बदनाम करने के अभियान” पर नि्क्रिरयता के लिए सरकार पर निशाना साध रही है. धर्मस्थल में एक सितंबर को भाजपा की प्रस्तावित रैली पर निशाना साधते हुए शिवकुमार ने उनसे कहा कि वे इसे बेंगलुरु में करें. उन्होंने कहा, “आप भक्तों का इस्तेमाल करके राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. आप भक्तों को बुला रहे हैं… नेताओं के तौर पर हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि धर्मस्थल के प्रति लोगों की आस्था में कोई कमी न रहे. भाजपा द्वारा बुलाई गई बैठक राजनीतिक है, धर्म की रक्षा के लिए नहीं. वे धर्म के नाम पर अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं.”