चेन्नई. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में प्रगति के बावजूद, लोगों को अब भी डिजिटल साक्षरता और वित्तीय जागरूकता के संदर्भ में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रपति ने तमिलनाडु स्थित सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह में कहा कि किसानों का सशक्तीकरण और और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती बैंकिंग क्षेत्र की प्राथमिकता होनी चाहिए. बैंक और वित्तीय प्रौद्योगिकी कंपनियां वंचित समुदायों के लिए उनके अनुकूल मोबाइल एप्लिकेशन और बीमा उत्पाद प्रदान कर रही हैं.
उन्होंने कहा कि भुगतान बैंक, डिजिटल वॉलेट और बैंकिंग प्रतिनिधियों ने वित्तीय सेवाओं को दूरदराज के गांवों के घर-घर पहुंचाया है. हालांकि, इस क्षेत्र में प्रगति के बावजूद डिजिटल साक्षरता, इंटरनेट पहुंच और वित्तीय जागरूकता के संदर्भ में कई चुनौतियां अब भी बनी हुई हैं. राष्ट्रपति ने कहा, ”सभी पक्षों के संयुक्त प्रयासों से, लोगों को प्रौद्योगिकी, डिजिटल और वित्तीय साक्षरता के माध्यम से बैंकिंग सेवाओं के साथ बेहतर ढंग से एकीकृत किया जा सकता है.” इसके अलावा, बैंक एमएसएमई को विकास के इंजन में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
उन्होंने कहा, ”समय पर और सस्ता कर्ज, वित्तीय साक्षरता प्रदान करके और कृषि-प्रौद्योगिकी उपायों को समर्थन देकर, बैंक कृषि को टिकाऊ और लाभदायक बनाने में मदद कर सकते हैं. बैंक एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) को विकास के इंजन में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.” इस मौके पर तमिलनाडु के राज्यपाल आर एन रवि, केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, तमिलनाडु की समाज कल्याण एवं महिला सशक्तीकरण मंत्री गीता जीवन, सिटी यूनियन बैंक के चेयरमैन जी महालिंगम, बैंक के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी एन कामकोडी उपस्थित थे.
राष्ट्रपति ने सिटी यूनियन बैंक के 120वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर कहा कि यह विश्वास, सेवा और प्रगति के प्रति एक शताब्दी पुरानी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. उन्होंने कहा, ”यह (सिटी यूनियन) बैंक के प्रबंधन और कर्मचारियों के निरंतर योगदान को याद करने का अवसर है, जिन्होंने इस संस्था को आगे बढ़ाया और आकार दिया है.” मुर्मू ने कहा कि बैंकिंग उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और बैंकों की भूमिका वित्तीय लेनदेन से आगे बढ़ गई है.
राष्ट्रपति ने कहा, ”बैंक केवल धन के संरक्षक नहीं हैं. वे विभिन्न प्रकार की वित्तीय सेवाएं प्रदान करते हैं. वे समावेशी और सतत विकास में भी सहायक हैं.” उन्होंने कहा कि समय पर और किफायती ऋण देकर, वित्तीय साक्षरता प्रदान कर और कृषि-तकनीकी पहल का समर्थन करके, बैंक कृषि को टिकाऊ और लाभदायक बनाने में मदद कर सकते हैं. राष्ट्रपति ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम क्षेत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ‘बेहद’ महत्वपूर्ण क्षेत्र है क्योंकि यह रोजगार पैदा करता है और नवोन्मेष को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि बैंक एमएसएमई को विकास के इंजन में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
मुर्मू ने कहा कि डिजिटल बदलाव और उद्यमिता में बैंकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है. उन्होंने कहा, ”स्टार्टअप से लेकर स्मार्ट शहर तक, ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें बैंक मदद कर सकते हैं. बैंक एक विकसित भारत के निर्माण में सक्रिय भागीदार बन सकते हैं.” वंचित और हाशिए पर खड़े लोगों की मदद के लिए और अधिक उपायों का आ”ान करते हुए मुर्मू ने कहा कि दैनिक मजदूरी प्राप्त करने वाले और प्रवासी मजदूरों को बैंकिंग सेवाओं से बेहतर ढंग से जोड़ने के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए.