जम्मू/श्रीनगर/नयी दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में पिछले दो दिन में रिकॉर्ड बारिश के बाद संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 41 हो गई, जिनमें से अधिकतर लोग वो हैं जो वैष्णो देवी मार्ग पर हुए भूस्खलन की चपेट में आ गए थे. बुधवार को बारिश से कुछ राहत मिलने के बाद राहत कार्यों में तेज़ी आई.

जम्मू क्षेत्र में उफनती नदियों के जलस्तर में पूर्वाह्न 11 बजे से कमी आने के बीच अनंतनाग और श्रीनगर में झेलम नदी का जलस्तर बाढ़ की चेतावनी के निशान को पार कर गया तथा कई रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया. अधिकारियों ने निवासियों को आश्वस्त किया है कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है.

अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में जलाशयों के उफान पर आने और अचानक आई बाढ़ के कारण कई प्रमुख पुलों, आवासीय भवनों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों सहित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है. उन्होंने बताया कि निचले बाढग़्रस्त इलाकों से 10,000 से अधिक लोगों को निकाला गया है. इस बीच शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने घोषणा की कि जम्मू कश्मीर में शैक्षणिक संस्थान बाढ़ जैसी स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार को बंद रहेंगे.

इटू ने बुधवार को ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”खराब मौसम को देखते हुए जम्मू कश्मीर के स्कूल और कॉलेज कल (28.08.2025) बंद रहेंगे.” उत्तर रेलवे ने जम्मू कश्मीर में भारी बारिश से हुई तबाही के मद्देनजर बुधवार को जम्मू और कटरा स्टेशनों से आने-जाने वाली 58 ट्रेनों को रद्द कर दिया जबकि 64 ट्रेनों को विभिन्न स्टेशनों पर बीच में ही रोक दिया गया.

एक दिन के निलंबन के बाद रेल यातायात बुधवार सुबह कुछ समय के लिए बहाल हुआ और जम्मू से छह ट्रेन रवाना हुईं. अधिकारियों ने बताया कि चक्की नदी क्षेत्र में बाढ़ और मिट्टी के कटाव के कारण यातायात फिर से रुक गया है. कुछ इलाकों में बारिश थम जाने के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला व्यक्तिगत रूप से हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर से जम्मू पहुंचे.

अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र में ऑप्टिकल फाइबर को हुए नुकसान के करीब 24 घंटे बाद दूरसंचार सेवाएं बहाल कर दी गईं. वैष्णो देवी में भूस्खलन की घटना में बचावर्किमयों द्वारा मलबे से और शव निकाले जाने के बाद, हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में पर्वतीय क्षेत्र में स्थित वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर एक दिन पहले भूस्खलन हुआ था.

अधिकारियों ने कहा कि लगातार और भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में कम से कम 20 लोग घायल हुए हैं, जिनका विभिन्न अस्पतालों में इलाज हो रहा है. जम्मू में बुधवार सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटों में 380 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो 1910 में शीतकालीन राजधानी में वेधशाला की स्थापना के बाद से 24 घंटे की अवधि में सबसे अधिक बारिश है.

मंगलवार को डोडा जिले में तीन महिलाओं समेत चार लोगों की मौत हो गई, जबकि प्रागवाल में एक बीएसएफ जवान समेत दो लोगों क शव मिले. अखनूर में मिले एक अन्य शव की अभी पहचान नहीं हो पाई है. पंजाब की सीमा से लगे लखनपुर में सिंचाई विभाग के एक कर्मचारी का शव मिला. कश्मीर घाटी में भी रात भर भारी बारिश हुई, जहां झेलम नदी अनंतनाग जिले के संगम में 21 फुट और श्रीनगर के राम मुंशी बाग में आज सुबह 18 फुट के निशान को पार कर गई.

अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में कुर्सू, राजबाग, बेमिना और सेकिदाफर के रिहायशी इलाकों में पानी घुस गया है, जबकि मुख्य अनंतनाग शहर के अधिकतर स्थानों पर भी बाढ़ का पानी रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों में घुस गया है, जिससे बाजार जलमग्न हो गए हैं. मंगलवार को डोडा जिले में तीन महिलाओं सहित चार लोगों की मौत हो गई, जबकि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों की आवाजाही के लिए बंद रहा. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वह सभी की सुरक्षा और उनके कुशल होने की प्रार्थना करते हैं.

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा, ”श्री माता वैष्णो देवी मंदिर के मार्ग पर भूस्खलन के कारण लोगों की जान जाने की खबर दुखद है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं. घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं. प्रशासन सभी प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है.” मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को जम्मू क्षेत्र में भारी बारिश और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया है और जम्मू-कश्मीर के लोगों को सहायता प्रदान करने के उनके आश्वासन के लिए आभार व्यक्त किया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बुधवार को बारिश रुकने से उन्हें थोड़ी राहत मिली है. उन्होंने कहा, ”कल की तुलना में, आज (बुधवार) बारिश रुकने से हमें थोड़ी राहत मिली है. निचले इलाकों में पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है.” अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़ जिले के सुदूर मार्गी इलाके में अचानक आई बाढ़ में 10 मकान और एक पुल बह गया, लेकिन किसी के हताहत होने की तत्काल कोई खबर नहीं है.
उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में जम्मू क्षेत्र के अधिकतर हिस्सों में लगातार बारिश जारी रही और तवी, चिनाब, उझ, रावी और बसंतर सहित लगभग सभी नदियों में पानी का स्तर खतरे के स्तर से कई फुट ऊपर है.

जम्मू: वायुसेना के हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया गया, बाढग़्रस्त इलाकों से 90 लोगों को बचाया गया

भारतीय वायुसेना ने बुधवार को जम्मू के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्यों के लिए छह एमआई-17 और एक चिनूक हेलीकॉप्टरों को सेवा में लगाया. वायुसेना के एक सूत्र ने यह जानकारी दी. सूत्र ने बताया कि शाम तक 90 लोगों को बचा लिया गया था, जिनमें से कुछ भारतीय सेना के जवान भी हैं.

इससे पूर्व दिन में राहत और बचाव सामग्री लेकर भारतीय वायुसेना का एक सी-130 परिवहन विमान बुधवार को माता वैष्णो देवी तीर्थस्थल मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास हुए भूस्खलन से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए जम्मू पहुंचा. सूत्र ने कहा कि दोनों हेलीकॉप्टरों ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित हिंडन वायुसेना स्टेशन से 124 र्किमयों और 22 टन राहत सामग्री को हवाई मार्ग से पहुंचाया. इसके अलावा, चिनूक और एमआई-17 वी5 जैसे हेलीकॉप्टर जम्मू, उधमपुर, श्रीनगर और पठानकोट के आसपास के वायुसेना अड्डों पर ”बिल्कुल तैयार स्थिति में” रखे गए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि अर्धकुंवारी के पास वैष्णो देवी मार्ग पर बचाव अभियान जारी है, जहां मंगलवार को भूस्खलन हुआ था.
जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में बुधवार को चौथे दिन भी मूसलाधार बारिश जारी रहने के कारण बाढग़्रस्त निचले इलाकों से हजारों लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है. सूत्र ने बताया कि बुधवार शाम पांच बजे तक भारतीय सेना के जवानों समेत 90 लोगों को बाढ़ प्रभावित कई स्थानों से बचाया गया. बाढ़ प्रभावित लोगों तक पीने का पानी और भोजन के पैकेट हवाई मार्ग से पहुंचाए जा रहे हैं. सूत्र ने कहा, ”भारतीय वायुसेना प्रभावित लोगों को सहायता और समर्थन प्रदान करने के लिए तत्पर है.”

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