दिल्ली. बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीमा पर गठित मंत्रियों के समूह (जीओएम) के संयोजक सम्राट चौधरी ने बुधवार को कहा कि केंद्र ने व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट देने का प्रस्ताव रखा है. फिलहाल जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी के प्रीमियम भुगतान पर 18 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगता है. बीमा पर गठित मंत्री समूह की यहां आयोजित बैठक में लगभग सभी राज्यों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया.
हालांकि, तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री मल्लु भट्टी विक्रमार्क ने कहा कि राज्यों ने यह सुनिश्चित करने की मांग रखी है कि कर कटौती का लाभ बीमा कंपनियों को नहीं बल्कि सीधे पॉलिसीधारकों को मिले. उन्होंने कहा, ”राज्य चाहते थे कि कर की दर या तो घटाई जाए या फिर इसमें छूट दी जाए. साथ ही कई राज्यों ने कहा कि कोई ऐसी व्यवस्था बनाई जानी चाहिए ताकि दरों में कटौती का लाभ लोगों तक पहुंच सके. जीएसटी परिषद इसकी एक व्यवस्था तय करेगी.” विक्रमार्क ने कहा कि व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी पर जीएसटी छूट दिए जाने से सालाना करीब 9,700 करोड़ रुपये की राजस्व क्षति होने का अनुमान है.
चौधरी ने कहा कि मंत्री समूह अब अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपेगा जिसमें राज्यों की राय और चिंताएं शामिल होंगी.
चौधरी ने कहा, ”केंद्र का प्रस्ताव स्पष्ट है कि व्यक्तिगत बीमा पॉलिसी पर जीएसटी से छूट दी जाए. सभी राज्यों ने दरों को कम करने पर अपनी रजामंदी दी है. हालांकि, कुछ राज्यों ने इस पर अपने विचार रखे हैं. इस बारे में अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद लेगी.” बीमा पर जीएसटी छूट देने का प्रस्ताव केंद्र के अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का हिस्सा है. इस प्रस्ताव में उत्पादों के गुण एवं मानक के आधार पर पांच प्रतिशत और 18 प्रतिशत की सिर्फ दो दरों से ही माल एवं सेवा कर लगाया जाएगा.
स्वास्थ्य एवं जीवन बीमा पर सुझाव देने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह का गठन सितंबर में किया गया था. इस समूह में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं. इसे अक्टूबर के अंत तक जीएसटी परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है. केंद्र और राज्यों ने वित्त वर्ष 2023-24 में स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर जीएसटी के माध्यम से 8,262.94 करोड़ रुपये एकत्र किए, जबकि स्वास्थ्य पुनर्बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से 1,484.36 करोड़ रुपये राजस्व जुटाए थे.