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Home»International»नेपाल: ‘जेन जी’ समूह ने संसद भंग करने और संविधान में संशोधन की मांग की
International

नेपाल: ‘जेन जी’ समूह ने संसद भंग करने और संविधान में संशोधन की मांग की

Team RashtrawaniBy Team RashtrawaniSeptember 11, 2025No Comments4 Mins Read
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नेपाल: ‘जेन जी’ समूह ने संसद भंग करने और संविधान में संशोधन की मांग की
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काठमांडू. नेपाल में सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व कर रहे ‘जेन जी’ समूह ने बृहस्पतिवार को कहा कि संसद को भंग किया जाना चाहिए और लोगों की इच्छा को प्रतिबिंबित करने के लिए संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. वहीं, प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है.

प्रदर्शनकारियों ने अपने विचार व्यक्त करने के लिए यहां एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जबकि उनके कुछ प्रतिनिधि वर्तमान राजनीतिक संकट का समाधान खोजने के लिए सेना मुख्यालय में राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल के साथ विचार-विमर्श में व्यस्त थे. इस अवसर पर ‘जेन जी’ कार्यकर्ताओं ने बातचीत और सहयोग के माध्यम से समाधान खोजने की आवश्यकता पर बल दिया. ‘जेन जी’ समूह के प्रतिनिधि दिवाकर दंगल, अमित बनिया और जुनल दंगल ने प्रेस वार्ता को संबोधित किया.

उन्होंने पुराने राजनीतिक दलों को चेताया कि वे अपने निहित स्वार्थों के लिए उनका इस्तेमाल न करें. एक कार्यकर्ता ने कहा, “यह पूरी तरह से नागरिक आंदोलन है, इसलिए इसमें राजनीति करने की कोशिश न करें.” दंगल ने कहा, “हमारे सामने राष्ट्रीय संप्रभुता, एकता की रक्षा और आत्म-सम्मान बनाए रखने की चुनौती है. हम सभी नेपालियों को इस कठिन परिस्थिति में नेपाली जनता के कल्याण और हितों की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए.” एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि संसद को भंग कर देना चाहिए और लोगों की भावना के अनुसार संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए.

उन्होंने कहा, “हमारा संविधान को ख.त्म करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कुछ बड़े संशोधन किए जाएं.” कुछ कार्यकर्ताओं ने नए प्रधानमंत्री पद के लिए पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की का समर्थन किया, जबकि अन्य ने नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कुलमन घीसिंग का समर्थन किया. एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि उनका देश का नेतृत्व संभालने का कोई इरादा नहीं है, बल्कि वे सिफ.र् एक प्रहरी बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा, “हम सरकार में भाग नहीं लेंगे, बल्कि एक प्रहरी बने रहना चाहते हैं.”

इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सोमवार और मंगलवार को हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश भर के अस्पतालों में 1,338 लोग भर्ती हैं, जबकि 949 को पहले ही छुट्टी दे दी गई है.
नेपाल में राजनीतिक संकट तब पैदा हो गया था जब मंगलवार को भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच ओली ने इस्तीफा दे दिया, जिसके बाद नेपाल की सेना ने कानून-व्यवस्था संभाल ली. वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को प्राय: जेन जी पीढ़ी के नाम से जाना जाता है.

जेन ज़ी नेताओं की अंतरिम सरकार गठन के लिए सेना मुख्यालय में राष्ट्रपति पौडेल से बातचीत

नेपाल में प्रदर्शनकारी ‘जेन ज़ी’ समूह के प्रतिनिधि बृहस्पतिवार को नेपाल के राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना प्रमुख अशोक राज सिगडेल के साथ भद्रकाली स्थित सेना मुख्यालय में अंतरिम सरकार के नेता का नाम तय करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. सूत्रों ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारी जेन ज़ी समूह पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह और दो अन्य के नाम पर अंतरिम सरकार के नेतृत्व के लिए विचार कर रहा है. अंतरिम नेता प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की जगह लेंगे, जिन्होंने छात्रों के नेतृत्व वाले हिंसक आंदोलन के बाद मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था. सेना के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी है. हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया.
सेना के प्रवक्ता ने कहा, ”हम विभिन्न हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत कर रहे हैं. बातचीत मुख्य रूप से मौजूदा गतिरोध से बाहर निकलने और साथ ही देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित है.” बैठक के दौरान सेना मुख्यालय के बाहर बड़ी संख्या में युवा बेसब्री से फैसला सुनने का इंतजार करते दिखे.

नेपाल में जेल में झड़प के दौरान तीन कैदियों की मौत, अब तक 15,000 से अधिक कैदी फरार
नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के बीच बृहस्पतिवार को एक जेल में सुरक्षा बलों के साथ झड़प के दौरान तीन कैदियों की मौत हो गई, जबकि अब तक दो दर्जन से अधिक जेलों से 15,000 से अधिक कैदी फरार हो चुके हैं.

अधिकारियों ने बताया कि ताजा घटनाक्रम के साथ, मंगलवार से भड़की हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में मरने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है. प्रदर्शनकारियों द्वारा जेलों पर हमले करने और अराजकता के चलते देशभर में कानून-व्यवस्था की स्थिति गंभीर बनी हुई है. अधिकारी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात कर रहे हैं.

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