साणंद. इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बृहस्पतिवार को कहा कि सेमीकंडक्टर कंपनी सीजी सेमी की साणंद स्थित पायलट चिप विनिर्माण इकाई से जल्द ही पहली स्वदेश-निर्मित चिप बनकर आने की संभावना है. वैष्णव ने सीजी सेमी कंपनी की पायलट चिप निर्माण इकाई जी1 का शुभारंभ करने के बाद यह बात कही. इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद थे.
वैष्णव ने कहा, ह्लआज से सीजी सेमी की पायलट उत्पादन लाइन शुरू हो गई है. यह भारत की सेमीकंडक्टर यात्रा में एक ऐतिहासिक कदम है. गुजरात में जिन संयंत्रों ने चिप निर्माण परियोजना शुरू की है, उनमें से सीजी सेमी पहला है जिसने पायलट उत्पादन की शुरुआत की है.ह्व उन्होंने कहा कि यह पायलट लाइन ग्राहकों को सेमीकंडक्टर चिप के ऑर्डर देने से पहले उनका परीक्षण करने की सुविधा देती है.
वैष्णव ने कहा, ह्लहमें उम्मीद है कि जल्द ही इस संयंत्र से ही पहला ‘मेड इन इंडिया’ सेमीकंडक्टर चिप सामने आएगा.ह्व सीजी सेमी का जी1 संयंत्र प्रतिदिन लगभग पांच लाख चिप्स के विनिर्माण की अधिकतम क्षमता के साथ काम करेगा. यह संयंत्र चिप असेंबली, पैकेजिंग, परीक्षण सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है. सीजी सेमी 7,600 करोड़ रुपये के निवेश से भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन और गुजरात सरकार के सहयोग से यह परियोजना चला रही है. इस परियोजना में रेनेसस और स्टार्स माइक्रोइलेक्ट्रॉनिक्स जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां भी साझेदार हैं.
कंपनी का लक्ष्य वर्ष 2026 में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करना है. जी1 संयंत्र से लगभग तीन किलोमीटर दूर स्थित जी2 इकाई का निर्माण भी प्रगति पर है जो 2026 के अंत तक तैयार हो जाएगा. जी2 इकाई की दैनिक उत्पादन क्षमता 1.45 करोड़ यूनिट तक होगी.
इस मौके पर सीजी पावर के चेयरमैन वेल्लयान सुब्बैया ने कहा कि कंपनी वर्ष 2027 तक कुल 1.5 करोड़ यूनिट प्रतिदिन चिप के उत्पादन का लक्ष्य हासिल कर लेगी.
दोनों संयंत्रों के पूरी तरह चालू होने पर यह परियोजना 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करेगी.
इस बीच, वैष्णव ने कहा कि अमेरिकी सेमीकंडक्टर कंपनी माइक्रॉन के भारतीय संयंत्र के इस साल दिसंबर या अगले साल जनवरी तक वाणिज्यिक उत्पादन शुरू कर देने की उम्मीद है.