India Pakistan Match In T20 Asia Cup 2025: एशिया कप टी-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम का आखिरकार एलान हो गया। आगामी सितंबर माह में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में यह टूर्नामेंट आयोजित होगा। टूर्नामेंट में भारत और पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में रखा गया है। भारत में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की घटनाओं और ऑपरेशन सिंदूर के बाद यही माना जा रहा था कि जब तक शांति बहाल नहीं हो जाती, तब तक दोनों देशों के बीच किसी प्रकार का खेल नहीं होगा, लेकिन भारत में भारी विरोध के बावजूद टी-20 एशिया कप में भारतीय टीम पाकिस्तान के साथ खेलने जा रही है।
भारत इस टूर्नामेंट का मेजबान है और यह टूर्नामेंट भारत में ही खेला जाना था, लेकिन पाकिस्तान के मना करने के बाद इसे यूएई में ले जाया गया है। टूर्नामेंट में अफगानिस्तान, हांगकांग, यूएई, बांग्लादेश, श्रीलंका और ओमान की टीम भी खेल रही हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद लगातार यही मांग देश में उठ रही थी कि हमें पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। इसे लेकर सोशल मीडिया पर एक कैंपेन लगातार चलाया जा रहा है। पिछले दिनों वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लीजेंड्स (डब्ल्यूसीएल) में भारतीय क्रिकेटर्स ने पाकिस्तान के साथ खेलने से मना कर दिया था, जिसके बाद उस टूर्नामेंट का रस ही खत्म हो गया।
अभी भारत एशिया कप हॉकी की भी मेजबानी कर रहा है। इस टूर्नामेंट से पाकिस्तान को आना था, लेकिन ऐन वक्त पर उसने और ओमान ने आने से मना कर दिया।
पाकिस्तान की जगह बांग्लादेश और कजाखस्तान की टीमों को इस टूर्नामेंट में शामिल किया जा रहा है, परंतु टूर्नामेंट को न तो रद्द किया गया और न देश के बाहर ले जाया गया। जब हॉकी पर हम ऐसा निर्णय ले सकते हैं तो क्रिकेट पर क्यों नहीं?
आखिर क्रिकेट को लेकर ऐसी क्या मजबूरी है? पाकिस्तान के अलावा एशिया की अन्य टीमें भारत आकर खेलने को तैयार थीं तो केवल पाकिस्तान के लिए यूएई तक जाना क्या उचित है? माना भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एक स्वतंत्र इकाई है।
भारत सरकार उसे नियंत्रित नहीं करती, लेकिन सरकार के निर्देशों के अनुसार टीम विदेश जाकर खेलती है। जब तक भारत सरकार से अनुमति नहीं मिलती, तब तक टीम बाहर नहीं जा सकती है।
यह बात बीसीसीआई और भारतीय खिलाड़ी अक्सर पाकिस्तान के संदर्भ में कहते भी हैं। यह बात सही है कि क्रिकेट में आज बहुत पैसा है। बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है, लेकिन क्या बीसीसीआई आतंकवाद की घटनाओं पर देश और देश के लोगों से ऊपर है।
पाकिस्तान में सुरक्षा को लेकर केवल भारत नहीं, बल्कि दुनिया के देश चिंतित हैं। पिछले दिनों जब पाकिस्तान की मेजबानी में चैंपियंस ट्रॉफी हुई थी, तब विदेशी खिलाड़ियों को भारी सुरक्षा के बीच ले जाया जाता था। इसके उल्ट भारत में ऐसी स्थिति नहीं है। भारत में विदेशी खिलाड़ी निर्भीक होकर बाहर घूमते हैं। इसलिए पाकिस्तान का सुरक्षा को लेकर भारत न आने का बहाना सही नहीं है।
यदि भारत आकर पाकिस्तान को नहीं खेलना था तो वह टूर्नामेंट से बाहर बैठ जाता। वैसे भी जो स्थिति आज क्रिकेट में पाकिस्तान की है, वह खेले या ना खेले, उससे कोई खास पर किसी को पड़ता नहीं है।
पाकिस्तान के लिए टी-20 एशिया कप को भारत से बाहर ले जाना और भारत-पाकिस्तान को एक ही ग्रुप में शामिल करना कहीं से उचित नहीं है। भारत सरकार कहती है कि खून और पानी साथ नहीं बह सकते और सिंधु जल संधि को निलंबित किया जाता है। वैसे ही खून और खेल कैसे साथ चल सकते हैं?
पाकिस्तान के सैन्य जनरल और नेता रोजाना भारत को परमाणु बम व यु्द्ध की धमकियां देते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बुरी तरह मार खाने के बावजूद पाकिस्तान भारत के खिलाफ दुनिया में जहर उगल रहा है।
भले बीसीसीआई ने टी-20 एशिया कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी है, लेकिन अभी भी पुनर्विचार किया जा सकता है। जिस तरह से डब्ल्यूसीएल में खिलाड़ियों ने पाकिस्तान के साथ खेलने से इनकार कर दिया था, वैसा ही उदाहरण अन्य प्लेयर्स भी पेश कर सकते हैं।
सरकार को एक बार पुनः पाकिस्तान के साथ खेलने पर विचार करना चाहिए। पाकिस्तान के साथ कुछ साल खेल नहीं खेले जाएंगे तो कोई पहाड़ नहीं टूट पड़ेगा।