आरा. केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने रविवार को कहा कि इस साल के उत्तरार्द्ध में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में उन्हें किस सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, यह बिहार की जनता को तय करना है. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष पासवान ने भोजपुर जिले के आरा में एक रैली में यह बयान दिया. इस रैली से चिराग की पार्टी ने चुनावी बिगुल फूंका.
वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले गढ़े गए अपने एक पुराने नारे को याद करते हुए चिराग ने कहा, ”मैं बिहार में विधानसभा चुनाव लड़ूंगा. मैं बिहार और उसके लोगों के लिए चुनाव लड़ूंगा. मैं रामविलास पासवान का बेटा हूं. मैं अपने पिता के सपनों को साकार करूंगा और बिहार को बदलने के लिए ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट”(बिहार पहले, बिहारी पहले) के लिए काम करूंगा.” उस समय वह अपने पिता द्वारा स्थापित लोक जनशक्ति पार्टी का नेतृत्व कर रहे थे. बाद में पार्टी विभाजित हो गई और निर्वाचित आयोग ने उनके और उनके चाचा पशुपति नाथ पारस के नेतृत्व वाली पार्टी के गुटों को नए नाम और प्रतीक आवंटित किए.
चिराग (42) हाजीपुर से सांसद हैं. चिराग ने कहा, ”आगामी विधानसभा चुनाव में मुझे राज्य की किस सीट से चुनाव लड़ना चाहिए, यह बिहार के लोगों को तय करना है. जब भी मैं कोई राजनीतिक फैसला लेता हूं, तो राज्य और उसके लोगों के हित में लेता हूं.” ऐसा माना जाता है कि 2020 के विधानसभा चुनाव में पासवान की बगावत के कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) (जद-यू) को कई सीट पर हार का सामना करना पड़ा था. जद(यू) अभी भाजपा की सहयोगी पार्टी है.
उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अनारक्षित निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ने की उनकी योजना को मुख्यमंत्री पद की दौड़ या महत्वाकांक्षा से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ”मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं. मेरे चुनाव लड़ने से मेरी पार्टी का ‘स्ट्राइक रेट’ बेहतर होगा, जिससे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को मदद मिलेगी.” ‘स्ट्राइक रेट’ से आशय कुल सीट जिस पर पार्टी ने चुनाव लड़ा है, उसके सापेक्ष जीती गई सीट की संख्या के प्रतिशत से है.