बेंगलुरु. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता और केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने बुधवार को कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार पर आरोप लगाया कि उन्होंने आरएसएस की शाखाओं में की जाने वाली प्रार्थना की कुछ पंक्तियां गाने के कारण उपजे हालिया विवाद से ध्यान भटकाने के लिए ”चामुंडेश्वरी पहाड़ी विशेष तौर पर हिंदुओं की संपत्ति नहीं” वाली टिप्पणी की है. प्रदेश कांग्रेस प्रमुख शिवकुमार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में की जाने वाली प्रार्थना ‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे’ की शुरुआती कुछ पंक्तियां विधानसभा में गाने के लिए माफी मांगी है और कहा कि इस मामले में पार्टी का कोई दबाव नहीं था.
श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री करंदलाजे ने आरोप लगाया, ”…जब आपने विधानसभा के अंदर आरएसएस की प्रार्थना को गाया, तो आपके पार्टी आलाकमान ने आपको फटकार लगाई. इस समस्या से निपटने के लिए आपने चामुंडी पहाड़ी को लेकर यह विवाद पैदा किया.” शिवकुमार ने कहा था, ”चामुंडी पहाड़ी और देवी चामुंडी सभी की हैं और हिंदुओं की संपत्ति नहीं हैं. सभी समुदायों के लोग मैसुरु में चामुंडी पहाड़ी की यात्रा करते हैं.” उनकी इस टिप्पणी से विवाद पैदा हो गया है और राज्य में विपक्षी भाजपा ने उनकी आलोचना की है.
उन्होंने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा कि चामुंडेश्वरी देवी कर्नाटक की देवी हैं. उन्होंने कहा, ”यह सरकारी संपत्ति है… कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि केवल हिंदुओं को ही इस मंदिर में दर्शन करने की अनुमति है. चामुंडेश्वरी देवी सभी धर्मों के लोगों को आशीर्वाद देती हैं.” शिवकुमार के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए, करंदलाजे ने उपमुख्यमंत्री से मांग की कि अगर चामुंडी पहाड़ी हिंदुओं की संपत्ति नहीं है, तो उसके स्वामित्व को स्पष्ट करें.
करंदलाजे ने यहां संवाददाताओं कहा, ”शिवकुमार ने कहा है कि चामुंडी पहाड़ी हिंदुओं की संपत्ति नहीं है. अगर ऐसा है, तो यह किसकी संपत्ति है? चूंकि टीपू सुल्तान (18वीं शताब्दी में मैसूर के शासक) ने इस क्षेत्र पर शासन किया था, तो क्या आप इसे वक्फ की संपत्ति घोषित करने जा रहे हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार पहले ही कृषि भूमि को वक्फ संपत्ति घोषित कर चुकी है. उन्होंने दावा किया कि वक्फ बोर्ड के नोटिसों के कारण कई किसान, मठ और मंदिर संकट में हैं.
मैसुरु के सांसद और मैसूर राजपरिवार के वंशज यदुवीर कृष्णदत्त चामराज वाडियार ने शिवकुमार द्वारा उनकी कुलदेवी पर दिये गए बयान को ”आहत करने वाला” बताया. भाजपा सांसद वाडियार ने कहा, ”यह बहुत दुखद और हास्यास्पद बयान है. ऐसे समय में जब लोग देवी गौरी और भगवान गणेश की पूजा कर रहे हैं, यह बयान दिया गया जिससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. यह निंदनीय है.” राज्य सरकार ने पूर्व में यह घोषणा की थी कि प्रख्यात कन्नड़ साहित्यकार बानू मुश्ताक, जिन्होंने अपनी पुस्तक ‘हार्ट लैंप’ के लिए बुकर पुरस्कार जीता है, इस वर्ष दशहरा उत्सव का उद्घाटन करेंगी.
भाजपा ने इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए कहा कि केवल चामुंडेश्वरी देवी में आस्था रखने वालों को ही इसका उद्घाटन करना चाहिए.
भाजपा ने उत्सव के उद्घाटन के लिए बानू मुश्ताक को आमंत्रित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ अपना हमला तेज कर दिया है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि उन्होंने 2023 के अपने एक भाषण में देवी भुवनेश्वरी का अपमान किया. वहीं, शिवकुमार ने इस मुद्दे को ”सांप्रदायिक” रंग देने के लिए भाजपा की आलोचना की.