बीजिंग. पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ मंगलवार को चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पहली बैठक की. इस दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग पर व्यापक चर्चा की. मुनीर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, जिसने तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग लिया. वह जापानी आक्रमण के खिलाफ चीनी जन प्रतिरोध युद्ध की 80वीं वर्षगांठ के लिए बुधवार को यहां आयोजित होने वाली चीनी सेना की भव्य परेड में शामिल होंगे.
फील्ड मार्शल का पदभार संभालने के बाद जुलाई में अपनी पहली चीन यात्रा के दौरान, मुनीर ने उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की, लेकिन राष्ट्रपति शी चिनफिंग से नहीं, जैसा कि उनके पूर्ववर्ती जनरल क.मर जावेद बाजवा ने किया था. इस यात्रा से पूर्व मुनीर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दोपहर के भोजन के लिए आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए थे. मुनीर का अमेरिका के राष्ट्रपति निवास में स्वागत एक दुर्लभ कदम था, जिसने पाकिस्तान-चीन के सदाबहार संबंधों को देखते हुए चीन में खलबली मचा दी.
शी चिनफिंग ने तियानजिन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य नेताओं से मुलाकात की थी. शरीफ और चिनफिंग की मुलाकात मंगलवार को बीजिंग में हुई. मुनीर के शरीफ. के साथ उस परेड को देखने जाने की संभावना है, जिसमें चीनी सेना हवाई, ज.मीनी, इलेक्ट्रॉनिक और मिसाइल प्रणालियों सहित सभी प्रकार के अपने सबसे आधुनिक हथियारों का प्रदर्शन करने की योजना बना रही है. ये हथियार प्रणालियां पाकिस्तानी सेना के लिए काफ.ी मायने रखती हैं, क्योंकि उसके 80 प्रतिशत से ज़्यादा हथियार चीन से ही आते हैं.
प्रतिनिधिमंडल में शामिल उपप्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय एवं क्षेत्रीय सहयोग पर व्यापक चर्चा की. चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग ने कहा कि दुनिया में तेजी से बदल रहे हालात के मद्देनजर मजबूत चीन-पाकिस्तान संबंध क्षेत्रीय शांति और विकास की सुरक्षा के लिए अनुकूल है.
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को नए दौर में साझा भविष्य के साथ चीन-पाकिस्तान समुदाय के बीच और घनिष्ठता बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए, ताकि दोनों देशों के लोगों को अधिक लाभ मिल सके और व्यापक पड़ोस के लिए एक आदर्श स्थापित हो सके.
सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ ने शी के हवाले से कहा कि चीन, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे और चीन-पाकिस्तान मुक्त व्यापार समझौते के उन्नत संस्करण बनाने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने को तैयार है और उम्मीद करता है कि पाकिस्तान, पाकिस्तान में चीनी र्किमयों, परियोजनाओं और संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी कदम उठाएगा.
अमेरिकी चुनौतियों के बीच शी और पुतिन ने ‘पुराने मित्र’ वाले संबंध पर दिया बल
चीन के नेता शी चिनफिंग ने एक ”पुराने मित्र” के रूप में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया और दोनों नेताओं ने मंगलवार को कई बैठकें कीं. ये बैठकें ऐसे समय में हुईं जब दोनों देशों को अमेरिका से विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
हाल के वर्षों में, खासकर 2022 की शुरुआत में यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद से चीन और रूस के बीच संबंध और गहरे हुए हैं.
पुतिन ने शी को ”प्रिय मित्र” कहकर संबोधित किया और कहा कि चीन के साथ रूस के संबंध ”अभूतपूर्व रूप से उच्च स्तर पर” हैं.
शी और पुतिन ने औपचारिक बैठक के बाद झोंगनानहाई में अपने शीर्ष सहयोगियों के साथ चाय पर चर्चा की. यह चीन द्वारा इस रिश्ते को दिए जाने वाले महत्व को दर्शाता है.
झोंगनानहाई परिसर चीन में सत्ता का केंद्र है और यहां उसके शीर्ष नेताओं के आवास एवं कार्यालय हैं. वार्ता के बाद चीन ने घोषणा की कि वह इस महीने के अंत से रूसी यात्रियों को 30 दिन की वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करेगा. यह वार्ता चीनी शहर तियानजिन में दोनों नेताओं के शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के एक दिन बाद और द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में बीजिंग में आयोजित एक भव्य चीनी सैन्य परेड से एक दिन पहले हुई है.
सोवियत संघ एशिया में युद्ध के अधिकतर समय तटस्थ रहा, लेकिन 1930 के दशक में आक्रमणकारी जापानी सेना के खिलाफ शुरुआती लड़ाई में उसने चीन की सहायता की. उसने द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में जापान के खिलाफ युद्ध की घोषणा भी की और जापान के कब्जे वाले पूर्वोत्तर चीन में सेना भेजी. पुतिन ने कहा, ”हम तब भी साथ थे, अब भी साथ हैं.” चीन का कहना है कि वह यूक्रेन युद्ध में तटस्थ है लेकिन पश्चिमी प्रतिबंधों के बावजूद व्यापार जारी रखकर उसने रूस को आर्थिक जीवनदान दिया. उसकी कुछ कंपनियों पर सैन्य उद्योग को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया है.
रूस की ‘इंटरफैक्स’ समाचार एजेंसी के अनुसार, गैजप्रोम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एलेक्सी मिलर ने बीजिंग में कहा कि चीन तक एक और प्राकृतिक गैस पाइपलाइन बनाने के लिए एक ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं. दस सदस्यीय शंघाई सहयोग संगठन के शिखर सम्मेलन में शी और पुतिन के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मौजूद थे. मोदी ने तियानजिन बैठक के दौरान दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग वार्ता की.
ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए भारी शुल्क और अमेरिका के रुख ने नयी दिल्ली को चीन और रूस के करीब ला दिया है. मोदी हालांकि चीन की सैन्य परेड में शामिल नहीं होंगे. शी चिनफिंग ने चीन को उन देशों के नेता के रूप में स्थापित करने की कोशिश की है जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद की अमेरिकी प्रभुत्व वाली व्यवस्था से वंचित महसूस करते हैं. पुतिन और शी ने अपनी वार्ता से पहले मंगोलिया के राष्ट्रपति खुरेलसुख उखना के साथ त्रिपक्षीय बैठक की. घास के मैदानों और खनिज खदानों से संपन्न मंगोलिया चीन एवं रूस के बीच स्थित है.
पुतिन ने अपने वक्तव्य की शुरुआत में कहा कि तीनों देश अच्छे पड़ोसी हैं और संबंधों को विकसित करने में उनकी साझा रुचि है. उन्होंने कहा, ”हम तीनों देशों में बहुत कुछ समान है.” पुतिन ने 2024 में मंगोलिया की आधिकारिक यात्रा की थी जहां मंगोलिया सरकार ने यूक्रेन पर आक्रमण से जुड़े कथित युद्ध अपराधों के लिए अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के वारंट पर पुतिन को गिरफ्तार किए जाने की अपीलों को नजरअंदाज कर दिया था.