राजकोट/लखनऊ. आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वे “कुछ हिम्मत दिखाएं” और भारत के निर्यात पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क (शुल्क) के जवाब में अमेरिकी आयात पर 75 प्रतिशत शुल्क लगाएं.

केजरीवाल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि 31 दिसंबर 2025 तक अमेरिका से कपास आयात पर 11 प्रतिशत ड्यूटी में छूट देने का केंद्र सरकार का फैसला भारतीय कपास किसानों को नुकसान पहुंचाएगा. उन्होंने कहा कि इससे अमेरिकी किसान अमीर हो जाएंगे और गुजरात के किसान गरीब हो जाएंगे. भारत में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने और लागत कम करने के उद्देश्य से इस साल 31 दिसंबर तक कच्चे कपास के आयात पर ड्यूटी में छूट दी गई है.

केजरीवाल ने कहा, “हम प्रधानमंत्री से हिम्मत दिखाने की मांग करते हैं, पूरा देश आपके साथ है. अमेरिका ने भारत से निर्यात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगा दिया है. आप अमेरिकी आयात पर 75 प्रतिशत शुल्क लगा दीजिए, देश इसे सहने के लिए तैयार है. फिर देखिए कि ट्रंप झुकते हैं या नहीं.” उन्होंने अमेरिका से आयातित कपास पर 11 प्रतिशत ड्यूटी लगाने, न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने और 20 किलो कपास की खरीद 2,100 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से करने की भी मांग की. केजरीवाल ने साथ ही, भारतीय किसानों की मदद के लिए खाद और बीज पर सब्सिडी देने की भी मांग की.

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भारत पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत शुल्क से हीरा उद्योग के कर्मचारी भी प्रभावित हुए हैं, क्योंकि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सामने घुटने टेक दिए हैं. पिछले महीने केंद्र सरकार ने कहा था कि कपास पर आयात शुल्क में छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाने के उसके फैसले से निर्यात बाज.ार में भारत की स्थिति मजबूत होगी और छोटे और मध्यम उद्योगों तथा निर्यात-उन्मुख इकाइयों को ऑर्डर मिलने में भी बढ़ोतरी होगी.

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय सामान पर लगाए गए 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लागू हो चुका है. केजरीवाल गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के चोटिला में ‘किसान महापंचायत’ में शामिल होने आए थे, जिसे भारी बारिश के कारण स्थगित कर दिया गया.

केजरीवाल ने कहा कि जब ट्रंप ने भारत पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया, तो मोदी ने बदले में इसे नहीं बढ़ाया, बल्कि (अमेरिका से कपास आयात पर) इसे 11 प्रतिशत कम कर दिया. उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने ऐसा क्यों किया और खुद को कमजोर क्यों दिखाया? आप नेता ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है और यहां के लोग मोदी के साथ खड़े हैं.

उन्होंने दावा किया, “पूरा देश मोदी जी के साथ है. उन्होंने (ट्रंप ने) 50 प्रतिशत शुल्क लगाया, मोदी जी को कपास पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाना चाहिए था. ट्रंप को झुकना पड़ता. ट्रंप कायर हैं, वह डरपोक हैं. उनको (ट्रंप) उन सभी देशों के सामने झुकना पड़ा जिन्होंने उनका विरोध किया. चार अमेरिकी कंपनियों को बंद कर दें, वे मुश्किल में पड़ जाएंगे.” केजरीवाल ने कहा कि अमेरिका से आयातित कपास पर 11 प्रतिशत ड्यूटी हटाने के भारत के नीतिगत फैसले के कारण, अक्टूबर-नवंबर में जब भारतीय किसान अपनी फसल बाजार में बेचने ले जाएंगे तो उनकी फसल बिक नहीं पाएगी. उन्होंने अमेरिका के सामने भारत की ‘बेबसी’ पर भी सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया, “ट्रंप के दबाव में हमारी केंद्र सरकार ने 11 प्रतिशत ड्यूटी हटाकर देश के किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया.”

‘ट्रंप टैरिफ’ के आतंक से निपटने के लिये ठोस कदम उठाए सरकार : मायावती

बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने अमेरिका द्वारा भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ की आलोचना करते हुए रविवार को कहा कि ‘ट्रंप टैरिफ’ के आतंक से निपटने के लिये केंद्र सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए. मायावती ने यहां पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ एक बैठक में अपने संबोधन के दौरान अमेरिकी टैरिफ का जिक्र करते हुए कहा, ”अमेरिका द्वारा थोपे गये 50 प्रतिशत ‘ट्रंप टैरिफ’ के आतंक के कारण पैदा हुईं चुनौतियों से निपटने के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को देश की जनता के लाभ के लिए मजबूत और सार्थक कदम उठाने चाहिए.”

उन्होंने कहा, ”यदि ऐसा नहीं किया गया तो देश की जनता को परेशान करने वाली समस्याएं जैसे गरीबी, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी, अशिक्षा, पलायन और भी बदतर हो जाएंगी तथा देश के सम्मान और वैश्विक प्रतिष्ठा पर इसका असर पड़ेगा.” मायावती ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि वह भारत-अमेरिका संबंधों के “सकारात्मक” आकलन के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हैं. इससे पहले, ट्रंप ने दोनों देशों के “विशेष” संबंध की सराहना की, जिसे दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव को खत्म करने के प्रयास के तौर पर देखा गया. भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के ट्रंप के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. इसमें से 25 प्रतिशत शुल्क रूस से कच्चा तेल खरीदने को लेकर लगाया गया था. भारत ने अमेरिकी कार्रवाई को “अनुचित और विवेकहीन” बताया था.

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