नयी दिल्ली. कांग्रेस ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के अंकों में कथित तौर पर हेरफेर करने के मामले में दो आरोपियों को जमानत मिलने के बाद बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों की भूमिका भी जांच होनी चाहिए क्योंकि यह एजेंसी अब ‘नेशनल करप्शन एजेंसी’ बन चुकी है.

पार्टी नेता और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रभारी कन्हैया कुमार ने यह भी कहा कि जब केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का कहना है कि इस मामले में एनटीए का कोई अधिकारी शामिल नहीं है तो फिर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई क्यों की गई? कांग्रेस की तरफ से उठाए गए सवालों पर फिलहाल सीबीआई या एनटीए की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. नीट के अंकों में कथित तौर पर हेराफेर करने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किये गए दो व्यक्तियों को मुंबई की एक अदालत ने बीते 23 जून को जमानत दे दी.

संदीप शाह और सलीम पटेल को 10 जून को सीबीआई ने नीट-यूजी(राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक) 2025 के अ्भ्यियथयों और उनके परिवारों को धोखा देने के आरोप में गिरफ्तार किया था. एजेंसी के मुताबिक, वे दावा करते थे कि वे अंकों में हेरफेर कर सकते हैं और इसके लिए प्रति उम्मीदवार 90 लाख रुपये वसूल रहे थे.

कन्हैया कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ”एक बार फिर नीट परीक्षा की पारर्दिशता और उसे कराने वाली एजेंसी एनटीए पर सवाल खड़े हुए हैं. ये सवाल हम नहीं उठा रहे. सवाल सीबीआई की प्राथमिकी से उठे हैं. सीबीआई ने महाराष्ट्र में प्राथमिकी दर्ज की, जिसमें दो गिरफ्तारियां हुईं हैं. ये गिरफ्तारियां भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत हूईं.” उनका कहना था, ”सीबीआई कह रही है कि इस मामले में एनटीए का कोई अधिकारी शामिल नहीं है. ऐसे में सवाल है कि फिर भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत कार्रवाई क्यों की गई?” कुमार ने सवाल किया, ”जब तीन लोग फरार हैं तो 2 लोगों को जमानत कैसे मिल गई? क्या यह संभव है कि परीक्षा में इतनी बड़ी गड़बड़ी बिना किसी अधिकारी की मिलीभगत के हो जाए?”

उन्होंने दावा किया, ”एक तरफ प्रधानमंत्री ‘परीक्षा पर चर्चा’ करते हैं, लेकिन दूसरी तरफ देश में शायद ही कोई ऐसी परीक्षा हो जिस पर कोई सवाल ना खड़ा हुआ हो. सरकार की प्राथमिकता सिर्फ रील बनाने तक है.” एनएसयूआई के अध्यक्ष वरूण चौधरी ने आरोप लगाया,” ”नेशनल टेस्टिंग एजेंसी, ‘नेशनल करप्शन एजेंसी’ बन चुकी है. जब भी नीट की परीक्षा होती है, तो नई-नई चीजें निकल कर सामने आती हैं. एनटीए जो भी परीक्षा कराती है, उसका डेटा लीक हो जाता है.” उन्होंने कहा, ”सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की जिसमें कुछ लोग गिरफ्तार भी हुए हैं. इस प्राथमिकी में परीक्षा की ‘ओएमआर शीट’ को पैसे लेकर बदलने की बात सामने आई है. हम नीट जैसी परीक्षा की गड़बड़ियों को इसलिए भी उठाते हैं, क्योंकि इस परीक्षा के माध्यम से बच्चे डॉक्टर बनते हैं, जो कि देश की स्वास्थ्य व्यवस्था की बुनियाद होते हैं.” चौधरी ने दावा किया, ”अब एक बार फिर से एनटीए शक के घेरे में है. अभी तक एनटीए पर कोई बड़ी जांच नहीं बैठाई गई है. इसलिए हमारी मांग है कि एनटीए के अधिकारियों की जांच हो, क्योंकि ये एजेंसी अब ‘नेशनल करप्शन एजेंसी’ बन चुकी है.”

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