काठमांडू. नेपाल सरकार के लिए अंतरिम प्रमुख के चयन को लेकर गतिरोध बृहस्पतिवार को भी जारी रहा, वहीं राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने शांति की अपील करते हुए कहा कि उनका लक्ष्य संवैधानिक ढांचे के भीतर राजनीतिक संकट का समाधान ढूंढना है. अंतरिम सरकार के लिए राजनीतिक बातचीत जारी रहने के बीच काठमांडू और देश के अन्य हिस्सों में स्थिति शांतिपूर्ण बनी हुई है, जहां सेना संवेदनशील इलाकों में गश्त कर रही है. अधिकारियों के अनुसार, सोमवार से शुरू हुए दो दिनों के हिंसक प्रदर्शनों में मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है.
सरकार विरोधी प्रदर्शनों का नेतृत्व करने वाले ‘जेन जेड’ के प्रतिनिधियों ने अंतरिम सरकार के संबंध में शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बैठक की, लेकिन वार्ता में इस मुद्दे पर गतिरोध उत्पन्न हो गया कि इसका नेतृत्व कौन करेगा. वर्ष 1997 से लेकर 2012 तक के बीच जन्में युवाओं को प्राय: ‘जेन जेड’ पीढ़ी के नाम से जाना जाता है.
सूत्रों ने बताया कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश सुशीला कार्की, काठमांडू के महापौर बालेन्द्र शाह, नेपाल विद्युत प्राधिकरण के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कुलमन घीसिंग और धरान के महापौर हरका उन लोगों में शामिल हैं, जिनके नाम पर प्रदर्शनकारी ‘जेन जेड’ समूह सरकार का नेतृत्व करने के लिए विचार कर रहा है. खबरों के अनुसार, सोमवार को हिंसा शुरू होने के बाद से 25 से अधिक जेलों से 15,000 से अधिक कैदी भाग चुके हैं.
नेपाल में हालात धीरे धीरे सामान्य होने के बीच सेना ने बृहस्पतिवार को काठमांडू घाटी के तीन जिलों में निषेधाज्ञा बढ़ा दी, तथा कुछ निश्चित समयावधि के लिए लोगों की आवाजाही की अनुमति दे दी. काठमांडू में कफ्र्यू में कुछ घंटों की ढील के साथ बृहस्पतिवार को व्यापारिक और वाणिज्यिक गतिविधियां धीरे-धीरे फिर से शुरू हो गईं. उच्चतम न्यायालय और बैंक भी खुलने वाले हैं.
सेना के अनुसार, कफ्र्यू शुक्रवार सुबह 6 बजे तक रहेगा और उसके बाद पूर्वाह्न 11 बजे से शाम 5 बजे तक प्रतिबंधात्मक आदेश लागू रहेंगे. इसके बाद शुक्रवार शाम 7 बजे से शनिवार सुबह 6 बजे तक कफ्र्यू लागू रहेगा. राष्ट्रपति पौडेल ने कहा, “मैं कानून-व्यवस्था बनाए रखने, लोकतंत्र की रक्षा करने और संवैधानिक ढांचे के भीतर मौजूदा राजनीतिक गतिरोध से बाहर निकलने का हरसंभव प्रयास कर रहा हूं.” पौडेल वर्तमान में सैन्य सुरक्षा में हैं. मंगलवार को ‘जेन जेड’ के प्रदर्शनकारी समूहों द्वारा राष्ट्रपति कार्यालय और उनके निजी आवास पर आगजनी के बाद से उन्हें सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया.
प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद पहली टिप्पणी में पौडेल ने कहा, “मैं सभी पक्षों से अपील करता हूं कि वे इस बात पर विश्वास रखें कि आंदोलनकारी नागरिकों की मांगों को पूरा करने के लिए समस्या का जल्द से जल्द समाधान निकाला जा रहा है और संयम के साथ देश में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें.” सेना के एक प्रवक्ता ने पुष्टि की कि विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत जारी है. हालांकि, उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया.
उन्होंने कहा, “हम विभिन्न हितधारकों के साथ कई दौर की बातचीत कर रहे हैं. बातचीत मुख्य रूप से मौजूदा गतिरोध से बाहर निकलने का रास्ता खोजने और साथ ही देश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर केंद्रित है.” सूत्रों का कहना है कि महापौर शाह ने कार्की के प्रति अपना समर्थन जताया है, लेकिन अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि नए मंत्रिमंडल का नेतृत्व कौन करेगा. कुछ कार्यकर्ताओं ने कार्की के प्रति समर्थन जताया, जबकि कुछ ने घीसिंग के पक्ष में आवाज. उठाई. इस बीच, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि सोमवार और मंगलवार को हुए जबरदस्त विरोध प्रदर्शनों में अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है. मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर के अस्पतालों में 1,338 लोग भर्ती हैं, जबकि 949 को पहले ही छुट्टी दे दी गई है.
अधिकारियों ने बताया कि बृहस्पतिवार को मधेस प्रांत के रामेछाप जिला जेल में कैदियों और सुरक्षार्किमयों के बीच हिंसक झड़प में तीन कैदियों की मौत हो गई और 13 अन्य घायल हो गए. मंगलवार से भड़की हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों के साथ हुई झड़पों में मरने वाले कैदियों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
अखबार ‘द काठमांडू पोस्ट’ ने पुलिस के हवाले से कहा, ”जेल से भागने की घटनाएं तब शुरू हुईं जब युवा प्रदर्शनकारियों ने कई जेलों में धावा बोल दिया, प्रशासनिक भवनों में आग लगा दी और जेल के दरवाज.े जबरन खोल दिए. बुधवार शाम तक प्रारंभिक रिपोर्ट से पुष्टि हुई कि 25 से ज़्यादा जेलों से 15,000 से ज़्यादा कैदी भाग गए थे, जिनमें से केवल कुछ ही स्वेच्छा से लौटे या फिर से गिरफ्तार किए गए.” ‘जेन जेड’ समूह के कुछ नेताओं ने काठमांडू में एक प्रेस वार्ता आयोजित की, जहां उन्होंने कहा कि संसद को भंग कर देना चाहिए और जनता की इच्छा के अनुरूप संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. उन्होंने बातचीत और सहयोग के ज.रिए समाधान निकालने की ज.रूरत पर ज.ोर दिया.
उन्होंने पुराने राजनीतिक दलों को चेताया कि वे अपने निहित स्वार्थों के लिए उनका इस्तेमाल न करें. एक कार्यकर्ता ने कहा, “यह पूरी तरह से नागरिक आंदोलन है, इसलिए इसमें राजनीति करने की कोशिश न करें.” कार्यकर्ता दिवाकर दंगल ने कहा, “हमारे सामने राष्ट्रीय संप्रभुता, एकता की रक्षा और आत्म-सम्मान बनाए रखने की चुनौती है. हम सभी नेपालियों को इस मुश्किल हालात में नेपाली जनता के कल्याण और हितों की रक्षा के लिए एकजुट होना चाहिए.” एक कार्यकर्ता ने कहा कि संसद को भंग कर देना चाहिए और लोगों की भावना के अनुसार संविधान में संशोधन किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, “हमारा संविधान को ख.त्म करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन हम चाहते हैं कि लोगों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए कुछ बड़े संशोधन किए जाएं.” एक कार्यकर्ता ने कहा, “हम सरकार में भाग नहीं लेंगे, बल्कि एक प्रहरी बने रहना चाहते हैं.” देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा का नियंत्रण अपने हाथ में लेने वाली सेना ने चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार के प्रदर्शन, तोड़फोड़, आगजनी या व्यक्तियों और संपत्ति पर हमले को आपराधिक कृत्य माना जाएगा और उसके अनुसार ही निपटा जाएगा.
काठमांडू के कुछ हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे प्रमुख दलों के छात्रों के एक छोटे समूह ने चेतावनी दी है कि नयी सरकार के गठन के समय संविधान को संरक्षित किया जाना चाहिए तथा लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए. आव्रजन विभाग ने एक नोटिस में कहा कि जिन लोगों का वीजा आठ सितंबर के बाद समाप्त हो गया है और वे नेपाल में रह रहे हैं, वे बिना किसी शुल्क के निकास परमिट प्राप्त कर सकते हैं.
नोटिस में कहा गया है, “जिन विदेशी नागरिकों का वीजा आठ सितंबर तक वैध था और जिन्हें कफ्र्यू अवधि के दौरान प्रस्थान करना आवश्यक है, उन्हें संबंधित प्रस्थान बिंदुओं पर आव्रजन कार्यालयों से अतिरिक्त शुल्क के बिना वीजा नियमितीकरण और निकास की अनुमति दी जाएगी.” इसी प्रकार, उन विदेशी नागरिकों के लिए भी वीजा हस्तांतरण की आवश्यक व्यवस्था की गई है, जिन्होंने अशांति के दौरान अपना पासपोर्ट खो दिया और अपने संबंधित दूतावासों से यात्रा दस्तावेज या आपातकालीन पासपोर्ट प्राप्त कर लिया है.
नेपाल के केंद्रीय बैंक, नेपाल राष्ट्र बैंक ने सभी वाणिज्यिक बैंकों को पूर्वाह्न 10 बजे से दोपहर दो बजे तक ग्राहकों के लिए अपनी सेवाएं बहाल करने का निर्देश दिया है. ‘जेन जेड’ समूह के प्रदर्शन के कारण बैंक बंद रहे.
उच्चतम न्यायालय की इमारत मंगलवार की हिंसा में पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई. शीर्ष अदालत रविवार से याचिकाओं का पंजीकरण और नियमित सुनवाई शुरू करने वाली है. प्रधन न्यायाधीश प्रकाश मान सिंह राउत द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, “नेपाल के न्यायिक इतिहास के महत्वपूर्ण दस्तावेज. नष्ट होने के कगार पर हैं.” प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि अदालत खोलने का निर्णय उच्चतम न्यायालय की एक आपातकालीन पूर्ण बैठक में लिया गया.
नेपाल सेना ने काठमांडू से लगभग 60 किलोमीटर पूर्व में बनेपा नगर पालिका के नयाबस्ती इलाके से बरामद आठ देशी बम को नष्ट कर दिया है. सुरक्षा बलों ने देश भर की विभिन्न जेलों से भागे 166 कैदियों को काबू कर लिया है. साथ ही, देश के विभिन्न हिस्सों से 97 अवैध हथियार भी बरामद किए हैं. ये हथियार प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षार्किमयों से कुछ लोगों ने लूटे थे.