मुंबई/नयी दिल्ली. अमेरिका में भारतीय उत्पादों के आयात पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लागू हो जाने के अगले दिन बृहस्पतिवार को स्थानीय शेयर बाजारों में तगड़ी गिरावट देखने को मिली. सेंसेक्स 706 अंक लुढ़क गया जबकि निफ्टी में 211 अंकों की गिरावट रही. विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिकी शुल्क वृद्धि के अलावा विदेशी पूंजी की लगातार निकासी ने भी निवेशकों की धारणा को प्रभावित करने का काम किया.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाया गया अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क बुधवार को लागू हो गया. इसके साथ ही भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका में कुल शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो गया. बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 705.97 अंक यानी 0.87 प्रतिशत गिरकर 80,080.57 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 773.52 अंक गिरकर 80,013.02 पर आ गया था. एनएसई का 50 शेयरों वाला मानक सूचकांक निफ्टी 211.15 अंक यानी 0.85 प्रतिशत गिरकर 24,500.90 अंक पर बंद हुआ.

सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से एचसीएल टेक, इन्फोसिस, पावर ग्रिड, टाटा कंसल्टेंसी र्सिवसेज, एचडीएफसी बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. हालांकि टाइटन, लार्सन एंड टुब्रो, मारुति और एक्सिस बैंक के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए. जियोजीत इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, “भारतीय वस्तुओं पर शुल्क लागू होने के बाद फैली निराशा के बीच घरेलू शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए. कपास आयात शुल्क में छूट ने शुल्क प्रभावों का मुकाबला करने के लिए नीतिगत समर्थन की उम्मीदों को कुछ समय के लिए बढ़ा दिया लेकिन निवेशकों की मनोदशा नाजुक ही बनी रही.” सरकार ने 50 प्रतिशत शुल्क का सामना कर रहे कपड़ा निर्यातकों की मदद के लिए कपास के शुल्क-मुक्त आयात को तीन महीने और बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दिया है.

लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक गौरव गर्ग ने कहा, “भारतीय शेयर बाजारों में लगातार दूसरे सत्र में बड़ी गिरावट देखने को मिली. चौतरफा बिकवाली के दबाव में मानक सूचकांक गिरकर बंद हुए. इसकी मुख्य वजह अमेरिकी शुल्कों से भारतीय निर्यात पर पड़ने वाले असर की आशंका रही. इसके अलावा विदेशी पूंजी की निकासी जारी रहने से भी बाजार दबाव में रहा.” मझोली कंपनियों का बीएसई मिडकैप सूचकांक 1.09 प्रतिशत गिर गया जबकि छोटी कंपनियों का स्मालकैप सूचकांक 0.96 प्रतिशत की गिरावट में रहा.
क्षेत्रवार सूचकांकों में सेवा खंड में सर्वाधिक 2.27 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि दूरसंचार खंड में 1.73 प्रतिशत, सूचना प्रौद्योगिकी खंड में 1.68 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. अकेले टिकाऊ उपभोक्ता खंड में ही बढ़त रही.

बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों में से 2,651 के शेयर गिरकर बंद हुए जबकि 1,458 शेयरों में तेजी रही और 149 अन्य अपरिर्वितत रहे.
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कंपोजिट सकारात्मक दायरे में बंद हुए जबकि हांगकांग का हैंग सेंग गिरावट में रहा. यूरोपीय बाजारों में मिला-जुला रुख रहा. बुधवार को अमेरिकी बाजार सकारात्मक दायरे में बंद हुए.

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.62 प्रतिशत गिरकर 67.63 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने मंगलवार को 6,516.49 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 7,060.37 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. गणेश चतुर्थी के उपलक्ष्य में बुधवार को घरेलू शेयर बाजार बंद रहे थे. मंगलवार को सेंसेक्स 849.37 अंक गिरकर 80,786.54 पर और निफ्टी 255.70 अंक गिरकर 24,712.05 अंक पर बंद हुआ था.

शेयर बाजार में दो दिन की गिरावट से निवेशकों को 9.69 लाख करोड़ रुपये का नुकसान

शेयर बाजार में पिछले दो कारोबारी सत्रों की गिरावट से निवेशकों को कुल 9.69 लाख करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है. इन दो दिनों में ही सेंसेक्स 1,555 अंक टूट चुका है. अमेरिका द्वारा भारत पर लगाया गया 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क बुधवार से लागू हो गया. इससे कुल मिलाकर भारत पर अमेरिकी शुल्क बढ़कर 50 प्रतिशत हो चुका है. साथ ही, विदेशी कोषों की लगातार पूंजी निकासी ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित किया.

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स बृहस्पतिवार को 705.97 अंक यानी 0.87 प्रतिशत गिरकर 80,080.57 पर बंद हुआ. इसके पहले मंगलवार को भी सेंसेक्स में बड़ी गिरावट रही थी. दो दिनों में, मानक सूचकांक 1,555.34 अंक यानी 1.90 प्रतिशत टूट चुका है.
गिरावट के इन दो सत्रों में बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 9,69,740.79 करोड़ रुपये गिरकर 4,45,17,222.66 करोड़ रुपये (5.08 लाख करोड़ डॉलर) रह गया.

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