भारत ने 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने भी प्रभावी कदम उठाना शुरूकर दिया है। इसी क्रम में 15 मार्च को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा ’’छत्तीसगढ़ – विजन 2047’’ कान्फ्रेंस का आयोजन किया गया। राष्ट्रवाणी की संवाददाता जया लक्ष्मी तिवारी कॉन्फ्रेंस के विषय में प्रकाश डाल रही हैं।
रायपुर : ’’अर्थव्यवस्था के विकास के साथ ही हमारी सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी यह भी है कि हम पर्यावरण के संरक्षण में स्वयं रूचि लेकर योगदान दें। हमारी पुरानी संस्कृति पर्यावरण संरक्षण की रही है। हम पेड़ पौधों, गाय, तालाबों की पूजा करते हैं। हमारा पूरा पारिस्थितिकी तंत्र पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। हमें छोटे-छोटे लाभ को छोड कर सभी के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए औद्योगिक विकास करना है, और यह हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिये बेहद आवश्यक है।’’ यह विचार व्यक्त श्री ओ.पी. चौधरी, मंत्री, आवास एवं पर्यावरण विभाग ने 15 मार्च 2024 को छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा आयोजित ’’छत्तीसगढ़ – विजन 2047’’ पर कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन अवसर पर व्यक्त किए।
श्री चौधरी ने कहा कि प्रदूषण के लिये केवल औद्योगिक गतिविधियों को दोषी नहीं ठहराया जा सकता बल्कि वाहनों से निकलने वाला धूऑ भी इसके लिये जिम्मेदार है। सिवेज वाटर भी हमारी प्राकृतिक जल स्त्रोतों को बूरी तरह प्रदूषित कर रहा है। हमें योजनाबद्ध तरीके से इस प्रकार के प्रदूषण पर रोक लगाने की आवश्यकता है, जिससे कि हम विकसित भारत विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार कर सकें। कार्यक्रम में श्री राहुल भगत, सचिव मान. मुख्यमंत्री एवं सुशासन व अभिशरण विभाग ने कहा कि हमें आने वाली पीढ़ियों का ध्यान रखना है, और यह प्रयास करना है कि हमारे बच्चें स्वस्थ रहें और मुस्कुराते रहें। श्रीमती आर. शंगीता, सचिव, आवास एवं पर्यावरण विभाग एवं अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पर्यावरण विभाग ने ’’छत्तीसगढ़ – विजन 2047’’ पर प्रस्तुतीकरण दिया। अपने प्रस्तुतीकरण में श्रीमती शंगीता ने छत्तीसगढ़ में स्थापित विभिन्न प्रकार के उद्योगों की संख्या व उत्पादन की जानकारी दी। उन्होंने भारत के संविधान का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें यह बताया गया है कि पर्यावरण संरक्षण प्रत्येक नागरिक का दायित्व है, उन्होंने भविष्य की कार्य योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हमें पहले 01 वर्ष फिर 05 वर्ष एवं 25 वर्ष के लिये कार्ययोजना तैयार कर कार्य करना होगा। श्रीमती शंगीता ने 25 वर्षों के रोडमेप पर चर्चा करते हुए कहा कि पर्यावरण संरक्षण मण्डल आपका सहयोग करने के लिये तैयार है लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिये आपको भी पहल करनी होगी।
मण्डल के सदस्य सचिव, श्री पी. अरूण प्रसाद ने उद्घाटन भाषण देते हुए विषय की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि हम सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिये आगे आना होगा और मिलकर ’’छत्तीसगढ़ – विजन 2047’’ में अपनी भागीदारी देनी होगी। कार्यक्रम में श्री तंबोली अय्याज फकीरभाई, आयुक्त, छ.ग. गृह निर्माण मण्डल भी उपस्थित थे। इस कॉन्फ्रेंस में प्रदेश के इंटीग्रेटेड स्टील एवं स्पंज आयरन प्लांट, कोल वॉशरी, ताप विद्युत संयंत्र, कोल माईंस, आयरन ओर माईंस, बड़े हॉस्पिटल, स्पंज आयरन एसोसिएशन, रोलिंग मिल एसोसिएशन, मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन, माईनर मिनरल एसोसिएशन, संयुक्त अपशिष्ट अपवहन सुविधा के राज्य प्रमुख शामिल हुए।कार्यक्रम में माननीय मंत्री जी द्वारा मिशन लाईफ़ के अंतर्गत लाइफ प्लेज भी दिलाई गई।