अविभाजित मध्यप्रदेश के समय से प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हेमचंद यादव हमेशा अपने बेबाक विचार के लिए सबके बीच अत्यंत लोकप्रिय रहे। वह कार्यकर्ताओं को हमेशा परिवार के सदस्य की तरह अपनत्व प्रदान करते थे। 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान दुर्ग विधानसभा से पहली बार सदस्य निर्वाचित हुए। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद उन्होंने फिर से दुर्ग विधानसभा से विजय हासिल करके तात्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह के मंत्रिमंडल में (2003-2008) जलसंसाधन, खेल युवा कल्याण कैबिनेट मंत्री का दायित्व निर्वहन किया। उन्होंने 2008 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और तीसरी बार (2008-20013) डॉ रमन सिंह जी के मंत्रिमंडल में सहभागी बने। डॉ रमन सिंह जी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए उन्होंने राज्य में शैक्षणिक गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया। नकल मुक्त परीक्षा के साथ ही विद्यार्थियों के हित में उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वहन कर चुके श्री हेमचंद यादव का जन्म स्व. रामलाल यादव जी के यहां एक दिसम्बर 1958 को हुआ। किसान परिवार से आने वाले श्री यादव छात्र जीवन से ही अत्यंत मेधावी रहे। 1987 में भाजपा वार्ड अध्यक्ष, 1991 में युवा मोर्चा अध्यक्ष, 1992 में सह भाजपा अध्यक्ष, 1997 में जिला भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किये गये। मंत्री के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण विभागों में जिम्मेदारी संभाली। हेमचंद यादव विषम परिस्थितियों में खुद को साबित करने में दक्ष थे। वह हमेशा अपनी राजनीतिक विचारधारा के लिए समर्पित रहे हैं। वह सच्चे अर्थों में अंत्योदय के उपासक थे। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह जी के प्रयासों से दुर्ग में स्थित विश्वविद्यालय का नामकरण श्री हेमचंद यादव जी की स्मृति-प्रेरणा में किया गया है।

राज्य के विकास में अहम भूमिका निभाई- प्रेम प्रकाश पांडे
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय कहते हैं कि हमेचंद जी ने दुर्ग ही नहीं अपितु संपूर्ण छत्तीसगढ़ के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके संगठनात्मक कौशल और कुशाग्रता का उदाहरण दिया जाता है। उन्हें जब 1993 में दुर्ग विधानसभा से टिकट दी गई थी वह चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन संगठन के आग्रह पर चुनाव जीतकर उन्होंने मध्यप्रदेश विधानसभा में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व किया। वह संसदीय मामलों के अच्छे जानकार थे। कभी –कभी मुझे भी उनसे कुछ मसलों पर सलाह लेनी होती थी तो वह बेहतर सुझाव के लिए हमेशा तैयार होते थे। उनमें राजनीतिक गंभीरता गजब की थी। सबके प्रिय होने के नाते वे सर्व स्पर्शी, सहज, सरल व्यक्तित्व के रूप में हम सबके स्मृतियों में सदैव रहेंगे।

हेमचंद यादव शुचिता के सच्चे उपासक थे : शर्मा
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवरतन शर्मा उनके साथ बिताये हुए दिनों को याद करते हुए कहते हैं कि हमेचंद भैया जो सोचते थे वही कहते थे। वह जिन विषयों पर कार्य करना चाहते थे, उनकी दृष्टि स्पष्ट होती थी। इसलिए उनके द्वारा प्रस्तावित विषयों की स्वीकार्यता बहुत अधिक थी। एक वाक्या साझा करते हुए श्री शिवरतन शर्मा बताते हैं कि भाटापारा शाखा नहर की निर्माण प्रक्रिया 1976 से लंबित थी लेकिन प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही उन्होंने इस परियोजना को 2004 में पूर्ण करने का आदेश दिया। इससे उनकी संवेदनशील सोच भी स्पष्ट होती है। उन्होंने जो संकल्प लिया था उसे पूर्ण करके ही रहते थे। हमेशा आम जनों के बीच उनके मुद्दों के साथ खड़े रहते थे। वह सीमित संसाधन में जीवन यापन करना पसंद करते थे। सामाजिक जीवन में वह शुचिता को नई ऊंचाई दी।

हेमंत पाणिग्राही, लेखक, वरिष्ठ पत्रकार

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