जम्मू कश्मीर: जम्मू संभाग के 378 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में अभी ताले लटके रहेंगे। इनमें पढ़ने वाले करीब 4,000 बच्चों की पढ़ाई नजदीकी सामुदायिक भवन, पंचायत घर या दूसरे सुरक्षित स्कूल में करवाई जाएगी। ऐसा इसलिए क्योंकि 26 अगस्त को भारी बारिश व बाढ़ से भवनों को भारी क्षति पहुंची है।
सुरक्षा ऑडिट पूरा करने के बाद ज्यादातर निजी स्कूल 10 सितंबर से खोल दिए गए हैं लेकिन अधिकतर सरकारी स्कूल नहीं खोले जा सके हैं। अब 15 सितंबर से सरकारी स्कूलों में बच्चों को बुलाने की तैयारी है। सोमवार से 25 फीसदी स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
हेडमास्टरों के माध्यम से मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) को भेजी गई रिपोर्ट और सोशल ऑडिट टीम की रिपोर्ट के बाद यह खुलासा हुआ है। संभाग में सर्वे अभी भी जारी है। अब तक जो रिपोर्ट आई है उसमें बताया गया है कि 378 से ज्यादा भवन गिरने के कगार पर हैं।
इनमें बच्चों को बुलाने पर नुकसान हो सकता है। ऐसे में इन स्कूलों की जगह पर नए स्कूल बनाने की प्रक्रिया पर काम होगा। फिलहाल इन स्कूलों में पढ़ाई बंद रहेगी। इस बारे में शिक्षा निदेशालय ने भी आदेश जारी किया है। इसमें स्कूलों को बंद रखने और पढ़ाई पंचायत घर, नजदीकी स्कूल या फिर सामुदायिक भवन में करवाने के लिए कहा गया है।
2,000 स्कूलों में कमरे और लेंटर हुए क्षतिग्रस्त
संभाग में 2,000 स्कूलों में भवनों को नुकसान पहुंचा है। मलबा आने से कमरों की दीवारें ढह गई हैं तो कुछ जगह लैंटर को नुकसान पहुंचा है। इन स्कूलों में सुरक्षित शेष बचे भवनों में पढ़ाई होगी। इसी तरह अन्य स्कूलों की जांच करने पर काम जारी है।
2,500 स्कूलों में आंशिक मरम्मत की जरूरत
सोशल ऑडिट के बाद लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों ने 2,500 स्कूलों में आंशिक मरम्मत के बाद कक्षाएं शुरू करने के लिए कहा है। इन स्कूलों में मरम्मत के बाद पढ़ाई शुरू की जा सकती है। बारिश से रिसाव और दीवारों को क्षति पहुंची है।
शिक्षा निदेशालय का दावा, 30फीसदी स्कूल भवन क्षतिग्रस्त
शिक्षा निदेशालय के अनुसार 30 प्रतिशत स्कूलों को नुकसान पहुंचा है। इनमें 700 स्कूल काफी क्षतिग्रस्त हालत में हैं। अन्य स्कूलों में क्षतिग्रस्त कमरों में पढ़ाई नहीं होगी। संभाग भर में कुछ स्कूलों में सर्वे करने में परेशानी आ रही है।
यहां संपर्क मार्ग टूटे हैं। इस कारण टीमें नहीं पहुंच पाईं हैं। संभाग में करीब 14,000 स्कूल हैं। इनमें सात हजार से ज्यादा स्कूलों का सर्वे हो चुका है। अन्य पर काम जारी है। रिपोर्ट आने के बाद स्कूलों में नुकसान की सही जानकारी मिल सकेगी।
पहले सीईओ तो अब एक्सपर्ट
इंजीनियर दे रहे रिपोर्टपहले सीईओ के माध्यम से नुकसान की रिपोर्ट शिक्षा निदेशालय भेजी गई थी। इसके बाद स्कूलों को बंद रखने का फैसला लिया गया था। अब लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर सोशल ऑडिट कर रहे हैं। इंजीनियरों की रिपोर्ट आने के बाद स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। जिन स्कूलों में ऑडिट किया जा चुका है उनकी स्थिति स्पष्ट कर दी गई है।
किश्तवाड़, राजोरी, पुंछ, रामबन और डोडा जिलों के पहाड़ी इलाकों में स्कूलों को 40 फीसदी से ज्यादा नुकसान हुआ है। स्कूलों में मलबा आ गया है। कुछ स्कूलों में बारिश का पानी जमा है। इनमें सफाई का काम चला हुआ है। सफाई के बाद इन स्कूलों को खोला जाना है।
जम्मू संभाग में 30 फीसदी स्कूलों को नुकसान हुआ है। इनमें सैकड़ों स्कूलों के भवन क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन स्कूलों के विद्यार्थियों को पंचायत घर या फिर सामुदायिक भवनों में पढ़ाई कराई जाएगी। ऑडिट जारी है।