वारसॉ. पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने अपने देश की सेना के लिए एक ”आधुनिकीकरण कार्यक्रम” को आगे बढ़ाने का बृहस्पतिवार को संकल्प जताया. एक दिन पहले ही रूसी ड्रोन पोलैंड में घुस आए थे और नाटो गठबंधन को पहली बार अपने हवाई क्षेत्र में संभावित खतरे का सामना करना पड़ा.

यूक्रेन पर रूस के लगातार हमलों के बीच यूरोपीय अधिकारियों ने बुधवार को पोलैंड में ड्रोन की घुसपैठ को जानबूझकर उकसाने वाला कदम बताया है. इसने इस आशंका को और गहरा कर दिया है कि पोलैंड के पड़ोसी देशों (रूस-यूक्रेन) के बीच तीन साल से जारी युद्ध एक व्यापक संघर्ष को जन्म दे सकता है. रूस और यूक्रेन को शांति समझौते की ओर ले जाने के अमेरिकी नेतृत्व वाले प्रयास अब तक गति नहीं पकड़ पाए हैं.

‘पोलिश एयर नेविगेशन एजेंसी’ ने बृहस्पतिवार सुबह घोषणा की कि पोलैंड देश के पूर्वी हिस्से में हवाई यातायात प्रतिबंध लगा रहा है. एजेंसी ने कहा कि यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से पोलैंड की सेना के अनुरोध पर उठाया गया है, लेकिन उसने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं बताया.

पोलैंड ने कहा कि बुधवार को उसके हवाई क्षेत्र में घुसे कुछ ड्रोन बेलारूस से आए थे, जहां रूसी और स्थानीय सैनिक शुक्रवार से शुरू होने वाले युद्धाभ्यास के लिए इकट्ठा होने लगे हैं. पोलैंड बृहस्पतिवार आधी रात को बेलारूस के साथ लगी अपनी सीमा बंद कर रहा है.
टस्क ने लास्क शहर में वायुसेना के अड्डे पर सैन्यर्किमयों को संबोधित किया तथा उनकी त्वरित कार्रवाई और नीदरलैंड के नाटो सहयोगी बलों की प्रशंसा की, जिन्होंने कई रूसी ड्रोन घुसपैठों का जवाब दिया.

उन्होंने कहा कि पोलैंड को अगले साल अमेरिका से अपना पहला एफ-35 लड़ाकू विमान मिलने की संभावना है. टस्क ने बताया कि पांच साल पहले तय किए गए सहायता पैकेज के तहत 2030 तक मिलने वाले 32 विमानों में से कुछ की यह पहली आपूर्ति होगी.
इन लड़ाकू विमानों का उद्देश्य क्षेत्रीय खतरों के विरुद्ध पोलैंड की सुरक्षा और उसकी नाटो रक्षा क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से मज.बूत करना है.

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