नयी दिल्ली/मुंबई. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 11 साल में कोई जवाबदेही नहीं बल्कि सिर्फ प्रचार हुआ है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार वर्तमान के बारे में बात करना छोड़ अब 2047 के सपने बेच रही है. महाराष्ट्र के ठाणे जिले में भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन से गिरकर चार यात्रियों की मौत और नौ के घायल होने की घटना के बाद राहुल गांधी ने सरकार पर यह हमला किया है.

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने ‘एक्स’ पर कहा, ”जब मोदी सरकार 11 साल की ‘सेवा’ का जश्न मना रही है, तब देश की हकीकत मुंबई से आ रही दर्दनाक खबर में दिखती है- ट्रेन से गिरकर कई लोगों की मौत.” उन्होंने कहा कि भारतीय रेल करोड़ों की जिंदगी की रीढ. है, लेकिन आज यह असुरक्षा, भीड़ और अव्यवस्था की प्रतीक बन चुकी है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ”मोदी सरकार के 11 साल में न जवाबदेही, न बदलाव, सिर्फ प्रचार हुआ है. सरकार 2025 पर बात करना छोड़, अब 2047 के सपने बेच रही है.” उन्होंने कहा, ”देश आज क्या झेल रहा है, ये कौन देखेगा? मैं मृतकों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं.” एक अन्य पोस्ट में, उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 19 साल के पंकज प्रजापति को सिर्फ इसलिए सरेआम गोली मार दी गई क्योंकि उन्होंने दलित होकर अपने हिस्से का हक मांगा.

राहुल ने कहा, ”प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, पोस्टमार्टम टाल दिया गया क्योंकि गुनहगार नेता सत्ता की गोद में बैठा है और सत्ता मनुवादी और बहुजन विरोधी भाजपा की है.” कांग्रेस नेता ने दावा किया, ”मोदी सरकार के 11 साल- दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के लिए अपमान, हिंसा और भेदभाव से भरे रहे हैं. इन्हें संस्थागत रूप से दोयम दर्जे का नागरिक बनाने और मुख्यधारा से दूर रखने की साजिश लगातार जारी है.” उन्होंने कहा, ”दोषियों की तुरंत गिरफ्तारी हो, और उन्हें कड़ी से कड़ी सज.ा दिलाई जाए. मैं प्रजापति परिवार और देश के हर बहुजन के साथ खड़ा हूं. यह लड़ाई सम्मान, न्याय और बराबरी की है और हम ये लड़ाई हर हाल में जीतेंगे.”

निर्वाचन आयोग हरियाणा-महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़े डेटा कब तक सौंपेगा : राहुल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूची से जुड़े डेटा साझा करने संबंधी निर्वाचन आयोग के कथित फैसले की सोमवार को सराहना करते हुए इसे ‘पहला अच्छा कदम’ करार दिया. उन्होंने आयोग से अनुरोध किया कि वह उस तारीख का ऐलान करे, जब डिजिटल और ‘मशीन द्वारा पठनीय’ प्रारूप में डेटा सौंपा जाएगा.

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने मीडिया की एक खबर का ‘स्क्रीनशॉट’ साझा किया, जिसमें दावा किया गया है कि निर्वाचन आयोग ने वर्ष 2009 से 2024 तक हरियाणा और महाराष्ट्र के लिए मतदाता सूची का डेटा साझा करने का रास्ता साफ कर दिया है. इसमें कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने इससे पहले इस साल की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय को इस संबंध में आश्वासन दिया था.

गांधी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ”निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता सूची को सौंपने के लिए उठाया गया अच्छा पहला कदम. क्या निर्वाचन आयोग उस तय तिथि की घोषणा करने की कृपा कर सकता है, जब यह डेटा डिजिटल और ‘मशीन द्वारा पठनीय’ प्रारूप में सौंपा जाएगा?” महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि मतदाता सूची का संशोधन भागीदारीपूर्ण प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिवर्ष किया जाता है.

पोस्ट में कहा गया, ”इस वार्षिक कवायद के दौरान, मतदाता सूची को कांग्रेस सहित मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ निशुल्क साझा किया जाता है, पहली बार मसौदा चरण में और दूसरी बार इसके अंतिम रूप देने के बाद. इसी तरह की कवायद 2009, 2014, 2019 और 2024 में की गई थी और ऐसी मतदाता सूची की प्रतियां कांग्रेस के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थीं.” पोस्ट में कहा गया कि आम चुनाव से लेकर महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल की गई मतदाता सूची की पूरी प्रति भी जनता के लिए मुफ्त में डाउनलोड करने के वास्ते वेबसाइट पर उपलब्ध है. पोस्ट में कहा गया है कि यहां तक ??कि पहले की मतदाता सूचियों के लिए भी अंतिम रूप दी गई मतदाता सूचियों की एक प्रति जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा अपने पास रख ली जाती है.

पोस्ट में कहा गया, ”निर्वाचक पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 33 के तहत, कांग्रेस सहित कोई भी व्यक्ति संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी को आवेदन कर सकता है और निर्धारित शुल्क का भुगतान करके ऐसी मतदाता सूची की एक प्रति प्राप्त कर सकता है.” पोस्ट में कहा गया है कि महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने 22 मई को कांग्रेस के एक सांसद के समक्ष यह वैधानिक रुख दोहराई था, जिन्होंने 2009, 2014, 2019 और 2024 में संशोधन के समय कांग्रेस को पहले से उपलब्ध कराई गई मतदाता सूची की एक प्रति मांगी थी.

पिछले साल के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में धांधली का आरोप लगाने वाले अपने लेख पर राहुल के निर्वाचन आयोग से प्रतिक्रिया मांगने के बाद आयोग के सूत्रों ने रविवार को कहा था कि संवैधानिक निकाय केवल तभी जवाब देगा, जब नेता प्रतिपक्ष सीधे उसे पत्र लिखेंगे.

उन्होंने यह भी कहा था कि संपर्क बढ.ाने के तहत निर्वाचन आयोग ने सभी छह राष्ट्रीय दलों को अलग -अलग बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. उन्होंने कहा था कि पांच दलों के नेता निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिले, लेकिन कांग्रेस ने 15 मई की बैठक रद्द कर दी थी.

निर्वाचन आयोग के सूत्रों ने महाराष्ट्र चुनाव में धांधली के राहुल के आरोपों को खारिज कर दिया था. इसके बाद राहुल गांधी ने शनिवार को निर्वाचन आयोग पर दोबारा हमला बोलते हुए कहा था कि चोरी से नहीं, बल्कि सच से इसकी विश्वसनीयता की रक्षा होगी.
‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में प्रकाशित एक लेख में राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव में ‘मैच-फिक्सिंग’ का आरोप लगाया था और दावा किया था कि यही आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में और हर उस जगह होगा, जहां कहीं भी भाजपा हार रही होगी.

भाजपा को राहुल के निर्वाचन आयोग से पूछे गए सवाल का जवाब क्यों देना चाहिए: संजय राउत
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने सोमवार को निर्वाचन आयोग की आलोचना करते हुए पूछा कि क्या आयोग ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी से उसके कामकाज के बारे में विपक्षी दलों द्वारा उठाए गए संदेहों को दूर करने के लिए कोई “अनुबंध” दिया है.

राउत की यह कड़ी टिप्पणी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा रविवार को एक अखबार में लेख लिखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में “मैच फिक्सिंग” और “धांधली” के आरोपों का जवाब देने के बाद आई है. निर्वाचन आयोग ने गांधी के आरोप को खारिज करते हुए कहा कि प्रतिकूल परिणामों के बाद आयोग को बदनाम करना पूरी तरह बेतुका है.
गांधी के दावों के जवाब में फडणवीस ने अपने लेख में कहा कि कांग्रेस नेता लगातार लोकतांत्रिक प्रक्रिया और जनादेश का “अपमान” कर रहे हैं.

पत्रकारों से बात करते हुए राउत ने कहा, “राहुल गांधी ने निर्वाचन आयोग से सवाल पूछे हैं, भाजपा से नहीं. देवेंद्र फडणवीस को जवाब क्यों देना चाहिए? क्या निर्वाचन आयोग ने अपने चेहरे से धूल पोंछने और अपनी कार्यप्रणाली के बारे में संदेह दूर करने का ठेका भाजपा को दे दिया है?” उन्होंने कहा कि मुद्दा सिर्फ चुनावों का नहीं है, बल्कि पिछले दस वर्षों में निर्वाचन आयोग के आचरण का भी है.

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version