अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि स्वदेशी हर किसी का जीवन मंत्र होना चाहिए. मोदी ने साथ ही कहा कि उनकी सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने वैश्विक एवं घरेलू दोनों विनिर्माताओं के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है. उन्होंने कहा कि ‘स्वदेशी’ की उनकी परिभाषा सरल है.
प्रधानमंत्री ने कहा, ” मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि पैसा किसका लगा है, डॉलर है या पाउंड.. या वह मुद्रा काली है या सफेद. बस उस पैसे से जो भी उत्पादन हो, उसमें मेरे देशवासियों का पसीना होना चाहिए.” गुजरात के हंसलपुर विनिर्माण संयंत्र से मारुति सुजुकी के पहले इले्ट्रिरक वाहन ई-विटारा को मंगलवार को हरी झंडी दिखाने के बाद प्रधानमंत्री ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि दुनिया भारत में बने इले्ट्रिरक वाहनों को चलाएगी.
मोदी ने लोगों से केवल स्वदेशी उत्पाद खरीदने का आग्रह किया और कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि निवेश कौन करता है, बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि उत्पाद बनाने में भारतीयों की कड़ी मेहनत हो. उन्होंने कहा कि इस तरह मारुति सुजुकी भी एक स्वदेशी कंपनी है. प्रधानमंत्री ने कहा, ” स्वदेशी हमारे जीवन का मंत्र बन जाना चाहिए. आइए, स्वदेशी को गर्व से अपनाएं. जापान में जो चीजे यहां बनेंगी, वे भी स्वदेशी होंगी.”
उन्होंने कहा, ” स्वदेशी की मेरी परिभाषा बहुत सरल है. मुझे इस बात की चिंता नहीं है कि किसका पैसा निवेश किया गया है…चाहे वह डॉलर हो या पाउंड, या वह मुद्रा काली है या सफेद. बस उस पैसे से जो भी उत्पादन किया जाए, उसमें मेरे देशवासियों का पसीना होना चाहिए. उन उत्पादों में मेरे देश की मिट्टी की खुशबू होनी चाहिए.” भारत को 2047 तक एक विकसित देश बनाने के अपने संकल्प का उल्लेख करते हुए मोदी ने लोगों से देश की भावी पीढि.यों के लिए इस स्वदेशी आंदोलन में शामिल होने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ” 2047 में हम भारत को ऐसा बनाएंगे कि आने वाली पीढि.यां आपके त्याग एवं योगदान पर गर्व करेंगी. आपकी आने वाली पीढि.यों के उज्ज्वल भविष्य के लिए, आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को साकार करने के लिए, मैं आज अपने देशवासियों को आमंत्रित कर रहा हूं. आइए, हम सब आगे बढ़ें और भारत को एक विकसित देश बनाएं.” मोदी ने इस बात का जिक्र भी किया कि 2012 में गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल में मारुति सुजुकी को हंसलपुर में जमीन आवंटित की गई थी.
उन्होंने कहा, ” उन दिनों भी मेरे मन में ‘मेक इन इंडिया’ और आत्मनिर्भर भारत का ही दृष्टिकोण था.” प्रधानमंत्री ने कहा, ” आज ‘मेक इन इंडिया’ पहल के लिए एक बड़ा दिन है क्योंकि देश में बने ई-वाहनों का निर्यात 100 देशों में किया जाएगा. दुनिया भारत में बने इले्ट्रिरक वाहनों को चलाएगी.” मोदी ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल ने वैश्विक और घरेलू दोनों ही विनिर्माताओं के लिए अनुकूल माहौल तैयार किया है. भारत की सबसे बड़ी कार निर्यातक कंपनी मारुति सुजुकी जैसी कंपनियां इस अभियान की ‘ब्रांड एम्बैसडर’ बन गई हैं.
हंसलपुर में टीडीएस लिथियम-आयन बैटरी गुजरात प्राइवेट लिमिटेड (टीडीएसजी) में ली-आयन बैटरी सेल और इलेक्ट्रोड के उत्पादन की शुरुआत का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि कुछ साल पहले तक भारत इन बैटरियों के लिए पूरी तरह से आयात पर निर्भर था.
उन्होंने कहा, ” ईवी (इले्ट्रिरक वाहन) परिवेश में बैटरी सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है. ईवी विनिर्माण को मजबूत करने के लिए यह महत्वपूर्ण था कि भारत भी बैटरी का उत्पादन करे. इसी दृष्टिकोण के साथ हमने 2017 में यहां टीडीएसजी बैटरी संयंत्र की नींव रखी. भारत में पहली बार, तीन जापानी कंपनियां बैटरी सेल का उत्पादन करने के लिए एक साथ आई हैं.” मोदी ने कहा कि पिछले दशक में भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन में 500 प्रतिशत, मोबाइल उत्पादन में 2,700 प्रतिशत और रक्षा उत्पादन में 200 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के पास लोकतंत्र की ताकत, जनसांख्यिकी का लाभ और कुशल कार्यबल का एक बहुत बड़ा भंडार है.
उन्होंने कहा, ” यह हमारे सभी साझेदारों के लिए लाभकारी है.” मोदी ने कहा, ” आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है. ऐसे समय में किसी भी राज्य को पीछे नहीं रहना चाहिए. हर राज्य को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए.” प्रधानमंत्री ने कहा, ” देश में आने वाले निवेशक यह सोचने पर मजबूर हो जाने चाहिए कि आखिर वह किस राज्य का रुख करें. मैं सभी राज्यों को सुधारों, विकासोन्मुखी नीतियों और सुशासन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आमंत्रित करता हूं.” उन्होंने कहा, ” भारत यहीं नहीं रुकने वाला है. हमने जिन क्षेत्रों में अच्छा प्रदर्शन किया है, उनमें हमारा लक्ष्य और बेहतर प्रदर्शन करना है. इसलिए हम ‘मिशन मैन्युफैक्चरिंग’ पर जोर दे रहे हैं. आने वाले समय में हमारा ध्यान भविष्य के उद्योगों पर होगा.” मोदी ने कहा कि देश सेमीकंडक्टर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है.
भारत-जापान संबंधों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देश ”एक दूसरे के लिए बने हैं.”