वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में आपातकालीन शक्तियों का जिस तरह से इस्तेमाल किया, वैसा किसी भी पूर्व राष्ट्रपति ने नहीं किया है। हालांकि ट्रंप का दावा है कि उनके नेतृत्व में अमेरिका संकट से उबर रहा है, लेकिन उन्होंने कड़े आयात शुल्क लगाने, सीमा पर सैनिकों की तैनाती और पर्यावरण नियमों को दरकिनार करने जैसे फैसलों में उन नियमों और कानूनों का सहारा लिया, जिन्हें सिर्फ युद्ध या राष्ट्रीय आपात जैसी असाधारण परिस्थितियों के लिए बनाया गया था।

एसोसिएटेड प्रेस के विश्लेषण में सामने आया है कि ट्रंप के 150 कार्यकारी आदेशों में से 30 में किसी न किसी प्रकार की आपातकालीन शक्ति का हवाला दिया गया है। यह आंकड़ा उनके हालिया पूर्वर्वितयों की तुलना में काफी अधिक है।

इसका परिणाम यह हुआ है कि राष्ट्रपति का उनकी शक्तियों का इस्तेमाल करने का तरीका पूरी तरह बदल गया है। ट्रंप अप्रत्याशित संकट का सामना करने के बजाय आपातकालीन शक्तियों का उपयोग संसद के अधिकार को कमजोर करने और अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कर रहे हैं।

इल्या सोमिन ने कहा, “ट्रंप की सबसे खास बात यह है कि उन्होंने आपातकालीन शक्तियों का जो उपयोग किया, उसका पैमाना और विस्तार बहुत बड़ा है, जो किसी भी हाल के राष्ट्रपति के कार्यकाल से कहीं अधिक है।” इल्या सोमिन उन पांच अमेरिकी व्यवसायों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं जिन्होंने प्रशासन पर मुकदमा दायर किया था और दावा किया था कि ट्रंप के कथित ‘लिबरेशन डे’ शुल्क से उन्हें नुकसान हुआ है।

ट्रंप ने सबसे ज्यादा बार 1977 के ‘इंटरनेशनल इमरजेंसी इकोनॉमिक पावर्स एक्ट’ (आईईपीए) का हवाला देते हुए शुल्क लगाए। यह कानून विदेशी खतरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति या अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए बनाया गया था।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version