नयी दिल्ली/जम्मू/श्रीनगर. उत्तर भारत के बड़े हिस्सों विशेषरूप से हिमालयी क्षेत्रों में मंगलवार को लगातार बारिश ने कहर बरपाया जहां भूस्खलन हुए, निचले इलाकों में जलभराव हो गया और कई सड़कें व पुल बह गए. जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही बारिश की वजह से रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते पर मंगलवार अपराह्न भूस्खलन हुआ जिसकी चपेट में आने से कम से सात लोगों की मौत हो गई जबकि कई लोगों के फंसे होने की आशंका है.

इसके अलावा, जम्मू के डोडा जिले में बारिश से संबंधित अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई. भारी बारिश के कारण हिमालय से निकलने वाली नदियां और सहायक नाले उफना गए हैं. बांधों और बैराजों से बड़ी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा, जिससे निचले इलाकों, खासकर पंजाब में बाढ. की स्थिति और गंभीर हो गई. खराब मौसम और अगले कुछ दिनों तक स्थिति में सुधार की कोई संभावना नहीं दिखने के कारण पंजाब और जम्मू क्षेत्र में स्कूल बंद करने पड़े.

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में दुकानों के ढह जाने, इमारतों के गिरने और राजमार्गों के टूटने की घटनाएं सामने आईं. राज्य में कुल 680 सड़कें बंद हो गईं, जिनमें मंडी और कुल्लू ज.लिे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं. यह राज्य पहले ही कई भूस्खलनों और अचानक आई बाढ. की तबाही झेल रहा है. हिमाचल प्रदेश में सोमवार शाम से पिछले 24 घंटे के दौरान 12 बार अचानक बाढ. आई, भूस्खलन की दो बड़ी घटनाएं और बादल फटने की एक घटना दर्ज की गई है.

लारगी बांध से 20,000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद मंगलवार को ब्यास नदी का जलस्तर और बढ. गया. इसकी तेज धारा ने मनाली-लेह राजमार्ग के 200 मीटर हिस्से को बहा दिया, जिससे मार्ग बंद हो गया और पर्यटक फंस गए. हिमाचल प्रदेश में चंडीगढ. और मनाली को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग भी कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया. प्रशासन ने लोगों को नदी तटों और भूस्खलन प्रभावित इलाकों से दूर रहने की सलाह दी है.

दिल्ली में बारिश के कारण कई इलाकों में भारी जाम और जलभराव हो गया, जिससे सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हुआ. राष्ट्रीय राजधानी में अगस्त में सबसे ज्यादा बारिश हुई, जहां सामान्य से करीब 60 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई. जम्मू में दो दर्जन से अधिक मकान और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि लगभग सभी जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे कई निचले इलाके और सड़कें जलमग्न हो गई हैं.

कटरा, उधमपुर और जम्मू रेलवे स्टेशन से आने-जाने वाली 18 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं जबकि आपदा के कारण ऑप्टिकल फाइबर क्षतिग्रस्त होने से केंद्र शासित प्रदेश में सभी सेवा प्रदाताओं के कॉल और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बाधित हो गईं हैं. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू संभाग के कई हिस्सों में स्थिति ”काफी गंभीर” है.

जम्मू संभाग में खराब मौसम के कारण विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों में कांस्टेबल पद के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया मंगलवार को स्थगित कर दी गई, जबकि पूरे जम्मू संभाग के सभी स्कूलों को 27 अगस्त तक बंद रखने का आदेश दिया गया है. माता वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा भी स्थगित कर दी गई है.

जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात स्थगित कर दिया गया है जबकि कई सड़कें भूस्खलन या अचानक बाढ. के कारण अवरुद्ध हो गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं. किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों के ऊंचाई वाले क्षेत्रों से भी सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की खबरें मिली हैं.

अधिकारियों ने बताया कि माधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक को पार कर गया है और इसमें बढ.ोतरी हो रही है जिससे कठुआ जिले में रावी नदी के किनारे कई निचले इलाकों में भारी बाढ. आ गई है. अधिकारियों ने बताया कि कश्मीर क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में बारिश हुई. पहलगाम की बेताब घाटी में शेषनाग ‘नाला’ का जलस्तर अब तक के उच्चतम स्तर 5.68 फुट को पार कर गया है और यह 6.02 फुट पर बह रहा है.

अधिकारियों के अनुसार, नदी के जल स्तर में अचानक वृद्धि से पता चलता है कि क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में बादल फटने या बहुत भारी वर्षा हुई होगी. पंजाब के विभिन्न हिस्सों में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण कपूरथला जिले में बाढ. की स्थिति और गंभीर हो गई है. जबकि फिरोजपुर में लोगों ने विशेष रूप से नदी क्षेत्रों के किनारे बसे गांवों को खाली करना शुरू कर दिया है.

पौंग और भाखड़ा बांधों से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने तथा भारी बारिश होने के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों समेत बरसाती नदी-नालों के जलस्तर में तेजी से बढ.ोतरी हुई है. फिरोजपुर जिले में पिछले दो दिन में 45 मिमी बारिश हुई है. शहरी क्षेत्र में भी स्थिति समान रूप से चिंताजनक हो गई हैं. कई सड़कें जलमग्न हैं, जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

उत्तरी ओडिशा के बालासोर, भद्रक और जाजपुर जिलों के 170 से अधिक गांव मंगलवार को लगातार दूसरे दिन बाढ. के पानी में डूबे रहे, जबकि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बंगाल की खाड़ी में नये निम्न दबाव क्षेत्र के कारण अगले कुछ दिनों में भारी बारिश होने की चेतावनी जारी की है.

सुंदरगढ. जिले से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार, सहजबहाल इलाके में सफ.ी नदी पर बने पुल को पार करते समय एक ट्रक पानी के तेज बहाव में बह गया. वाहन चालक लापता है, जबकि अग्निशमन र्किमयों ने ट्रक के खलासी को बचा लिया है. लापता चालक सुजीत आइंद को ढूंढने का प्रयास जारी है.

बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने निम्न दबाव के कारण पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है.
विजयनगरम, विशाखापत्तनम, अनाकापल्ली, श्रीकाकुलम, अल्लूरी सीताराम राजू, काकीनाडा, डॉ. बीआर आंबेडकर कोनसीमा और पूर्वी गोदावरी जिलों के कुछ स्थानों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है.

बारिश से तबाही:जम्मू में 11 लोगों की मौत,इनमें से सात की मृत्यु वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन से हुई

जम्मू क्षेत्र में मंगलवार को नदियों के उफान पर होने से पानी के वेग से रास्ते में आने वाली हर चीज तहस-नहस हो गई और चट्टान, पेड़ और पत्थर ढलानों से नीचे गिर पड़े. जम्मू क्षेत्र में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई जिनमें सात तीर्थयात्री भी शामिल हैं जिनकी मृत्यु वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन की चपेट में आने से हुई.

लगातार भारी बारिश ने न केवल जम्मू में तबाही मचाई, जहां अचानक बाढ. और भूस्खलन के मद्देनजर वैष्णो देवी मंदिर की तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई, बल्कि कश्मीर घाटी में भी. बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा, पुल ढह गए और मोबाइल टावर और बिजली के खंभे टहनियों की तरह टूट गए. अधिकारियों ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश के बड़े हिस्से में दूरसंचार सेवाएं ठप हो गईं, जिससे लाखों लोगों का संचार संपर्क टूट गया और समस्याएं बढ. गईं.

उन्होंने बताया कि जम्मू-श्रीनगर और किश्तवाड़-डोडा राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात निलंबित कर दिया गया और दर्जनों पहाड़ी सड़कें भूस्खलन या अचानक आई बाढ. के कारण अवरुद्ध या क्षतिग्रस्त हो गईं. जम्मू आने-जाने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गईं.
रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले रास्ते पर मंगलवार अपराह्न करीब तीन बजे भूस्खलन हुआ जिसकी चपेट में आने से कम से सात लोगों की मौत हो गई जबकि 21 अन्य घायल हुए हैं. मृतक संख्या बढ. सकती है.

अधिकारियों ने बताया कि अर्धकुआरी स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव दल जुटे हुए हैं और कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. उन्होंने बताया कि भूस्खलन कटरा शहर से पहाड़ी पर स्थित मंदिर तक 12 किलोमीटर के घुमावदार रास्ते के लगभग आधे रास्ते में हुआ.

मंदिर तक जाने के दो रास्ते हैं. हिमकोटि मार्ग पर सुबह से ही यात्रा स्थगित कर दी गई थी, लेकिन पुराने रास्ते पर अपराह्न 1.30 बजे तक यात्रा जारी रही, जब अधिकारियों ने बारिश के मद्देनजर एहतियाती कदम उठाते हुए इसे स्थगित करने का फैसला किया. पंजाब के मोहाली की किरण भी उन लोगों में शामिल थीं जो पत्थरों, पेड़ों और चट्टानें गिरने की चपेट में आ गईं. किरण ने कटरा के एक अस्पताल में ‘पीटीआई-वीडियो’ को बताया, “मैं दर्शन करने के बाद पहाड़ी से नीचे आ रही थी, तभी लोग चिल्लाने लगे. मैंने पत्थर गिरते देखे. मैं सुरक्षित जगह पर पहुंची, लेकिन घायल हो गई.” घटना में बाल-बाल बची एक लड़की ने कहा, ”हमारा पांच लोगों का एक समूह था, जिनमें से तीन घायल हैं.” लड़की घटना के बाद से सदमे में है.

कई रिश्तेदार अपने प्रियजनों की सूचना प्राप्त करने के लिए कटरा स्थित अस्पताल और वैष्णो देवी आधार शिविर में जमा हुए. कुछ घायलों को जम्मू से लगभग 15 किलोमीटर दूर कटरा के नारायण अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है. जम्मू के रक्षा जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कटरा और उसके आसपास बचाव और राहत कार्यों में सेना के तीन कॉलम तुरंत तैनात कर दिये गए.

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”एक कॉलम कटरा के अर्धकुंवारी में लोगों की जान बचाने में मदद कर रहा है. एक कॉलम कटरा से ठाकरा कोट जाने वाली सड़क पर भूस्खलन वाले स्थान पर पहुंच गया है और एक कॉलम जौरियां के दक्षिण में सहायता प्रदान कर रहा है. लोगों की जान बचाने, ज.रूरतमंदों को सहायता प्रदान करने और नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में पहुँचाने के प्रयास जारी हैं. नागरिक एजेंसियों के साथ गहन समन्वय किया जा रहा है.” बारिश की तबाही का यह दिन किश्तवाड़ जिले के चिसोती में बादल फटने से आई अचानक बाढ. के कुछ दिनों बाद आया है, जो मचैल माता मंदिर के रास्ते में आने वाला आखिरी गांव है. चिसोती में 14 अगस्त को बादल फटने से आई अचानक बाढ. में 65 लोग मारे गए थे, जिनमें ज़्यादातर तीर्थयात्री थे जबकि 100 से ज़्यादा घायल हुए थे. कई लोग अभी भी लापता हैं.

मंगलवार को जम्मू प्रांत में बारिश से संबंधित अन्य घटनाओं में, डोडा जिले में कम से कम चार लोगों के मारे जाने की सूचना है. इनमें से तीन लोग फिसलकर नदी में गिर गए और तेज बहाव वाले पानी में डूब गए, जबकि एक की घर ढहने से मौत हो गई. क्षेत्र के निचले इलाकों से सैकड़ों लोगों को निकाला गया. अधिकारियों ने बताया कि किश्तवाड़, रियासी, राजौरी, रामबन और पुंछ जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों से सार्वजनिक और निजी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने की सूचना हैं. उन्होंने बताया कि आपदा की असली तस्वीर जमीनी हालात के आकलन के बाद ही सामने आएगी.

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने स्थिति को गंभीर बताया. उन्होंने एक आपात बैठक की अध्यक्षता की और जिला प्रशासकों को हाई अलर्ट पर रहने का आदेश दिया. अब्दुल्ला ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “… आपातकालीन बहाली कार्यों और अन्य ज.रूरतों को पूरा करने के लिए उपायुक्तों (डिप्टी कमिश्नर) को अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं.” अब्दुल्ला ने प्रशासन को प्रभावित परिवारों को समय पर भोजन, पानी और दवा जैसी ज.रूरी चीज.ें उपलब्ध कराने और कमजोर समूहों को राहत मुहैया कराने को प्राथमिकता देने का भी आदेश दिया.

बाढ. के कारण क्षेत्र के लगभग सभी जलाशय खतरे के निशान से ऊपर बह रहे हैं, जिससे निचले इलाके और प्रमुख सड़कें जलमग्न हो गई हैं. कठुआ में रावी नदी पर बने मोधोपुर बैराज का जलस्तर एक लाख क्यूसेक के स्तर को पार कर गया, जिससे कठुआ ज.लिे में भारी बाढ. आ गई. तराना, उझ, तवी और चिनाब जैसी प्रमुख नदियां भी अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे पुलिस और नागरिक अधिकारियों को लोगों से सुरक्षित क्षेत्रों में जाने की बार-बार सार्वजनिक अपील करनी पड़ रही है.

मौसम विभाग के अनुसार, सुबह 8.30 बजे तक पिछले 24 घंटे के दौरान कठुआ ज.लिे में 155.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई, इसके बाद डोडा के भद्रवाह में 99.8 मिलीमीटर, जम्मू में 81.5 मिलीमीटर और कटरा में 68.8 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई. प्रशासन ने लोगों को जल निकायों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने के लिए सलाह जारी की है. मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक लगातार मध्यम से भारी बारिश और बादल फटने, अचानक बाढ. और भूस्खलन की संभावना का अनुमान जताया है. अधिकारियों ने नागरिकों को जलाशयों और भूस्खलन के जोखिम वाले स्थानों से दूर रहने की सलाह जारी की है.

शहरी इलाकों से पानी निकालने के लिए अधिकारियों द्वारा अथक प्रयास के बीच, मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी उपकरण की कमी की स्थिति में अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं से तुरंत सहायता ली जानी चाहिए. विभिन्न स्थानों पर ऑप्टिकल फाइबर को व्यापक नुकसान पहुंचने के बाद जम्मू कश्मीर में सभी सेवा प्रदाताओं के नेटवर्क बाधित होने की सूचना है.

संचार व्यवस्था ठप होने से आपातकालीन प्रतिक्रिया उपायों में बाधा उत्पन्न हुई और निवासियों में दहशत उत्पन्न हुई. दूरसंचार ऑपरेटरों ने कहा कि सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने के लिए तकनीकी टीमों को तैनात किया गया है. जम्मू संभाग के सभी सरकारी और निजी स्कूल को 27 अगस्त तक बंद रखने का निर्देश दिया गया है. जम्मू कश्मीर विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने बुधवार को होने वाली कक्षा 10वीं और 11वीं की सभी परीक्षाओं को भी स्थगित कर दिया. इसके अलावा, जम्मू में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) सहित विभिन्न सुरक्षा संगठनों में कांस्टेबल के लिए भर्ती अभियान भी दिन भर के लिए रोक दिया गया.

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