13 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ़ में खुशियों की तरक्की का नया सूर्योदय हुआ। राज्य में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की कैबिनेट के शपथ ग्रहण के साथ ही प्रदेश में विकास सर्वस्पर्शी और सर्वव्यापी रूप से आगे बढ़ने लगा। सरकार के गठन के अगले ही दिन 14 दिसंबर 2023 को पहली कैबिनेट में विष्णुदेव साय सरकार ने 18 लाख 12,743 गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास देने का निर्णय लिया।
छत्तीसगढ़ के किसानों को मिल रही धान की सबसे ज्यादा कीमत
धान का कटोरा कहलाने वाले छत्तीसगढ़ में धान की फसल यहां के किसानों के लिए तरक्की का आधार है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने एक ओर जहां प्रदेश के किसानों से तरह-तरह के वादे कर उन्हें राजनीतिक वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल किया वहीं, विष्णुदेव साय सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल पर धान खरीदी की मोदी की गारंटी को पूरा कर देश में सबसे ऊंची दर पर धान की खरीदी का कीर्तिमान रचा। देश के किसी भी राज्य के मुकाबले छत्तीसगढ़ में किसानों को धान पर सबसे अधिक कीमत मिल रही है। किसानों के खाते में सीधे नगद लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के जरिए पैसा भेजा जा रहा है। खरीफ सीजन 2023 में किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ (3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से) 144.92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी हुई। छत्तीसगढ़ ने देश में धान की खरीदी का रिकॉर्ड कायम किया है। कृषक उन्नति योजना के जरिए किसानों को धान खरीदी की अंतर राशि (बोनस) 13,000 करोड़ रुपये प्रदान किए गए। किसान को प्रति एकड़ 19,257 रुपये अंतर राशि दी जा रही है। 24.72 लाख से अधिक किसान विष्णुदेव साय सरकार की योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
एक क्लिक से महिलाओं के खाते में पहुंची महतारी वंदन की राशि
महिला सशक्तिकरण विष्णुदेव साय सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। 12 मार्च 2024 को प्रदेश ने महिला सशक्तिकरण की दिशा उस वक्त स्वर्णिम अध्याय लिखा है, जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में 70 लाख से अधिक महिलाओं को महतारी वंदन योजना की 1,000 रुपये की पहली किश्त जारी की गई। विष्णुदेव साय सरकार हर साल 12 हजार रुपये महिलाओं के खाते में जमा करेगी। भ्रष्टाचार के बिना हितग्राहियों तक योजनाओं का सीधा लाभ पहुंचाने के लिए छत्तीसगढ़ डीबीटी का सबसे बेहतरीन उपयोग करने वाला राज्य बन चुका है।
भ्रष्टाचारियों पर विष्णुदेव साय सरकार का प्रहार
विष्णुदेव साय सरकार एक ओर सुशासन की दिशा में नीतिगत कदम उठा रही है वहीं भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को अमल में ला रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस सरकार में हुए पीएससी घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है। इस घोटाले में एफआईआर दर्ज हो चुकी है। कोयला और शराब घोटाले में भी एफआईआर दर्ज की जा चुकी है।
प्रदेश के युवाओं को शासकीय भर्तियों में निष्पक्ष और पारदर्शिता से युक्त परीक्षा का वातावरण मिले, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर परीक्षा प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुए कोयला, शराब, महादेव एप घोटाले में जांच कर रही एजेंसियों को सहयोग।
छत्तीसगढ़ के अर्थतंत्र में बढ़ा डिजिटल फुटप्रिंट
छत्तीसगढ़ डिजिटल अर्थव्यवस्था की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है। इसकी बानगी उस वक्त देखने को मिली जब राज्य की नवनिर्वाचित सरकार प्रदेश का पहला डिजिटल बजट पेश किया। इससे शासन एवं प्रशासनिक कामकाज में डिजिटल अनुप्रयोग के लिए लोग प्रोत्साहित होंगे। राज्य में कोयले के परिवहन हेतु परमिट और स्वीकृति व्यवस्था मैन्युअल होने से पूर्व की सरकार के कार्यकाल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ। ऐसे में विष्णुदेव साय सरकार ने तत्काल इस पूरी व्यवस्था को ऑनलाइन कर भ्रष्टाचार मुक्त शासन की मिसाल पेश की है। राज्य में आने वाले निवेशकों के लिए लालफीताशाही की जगह सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम की सुविधा।
योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वय पर जोर
सुशासन लोकतंत्र की आत्मा है। पं.दीनदयाल उपाध्याय ने सुशासन को अंत्योदय का आधार बताया है। इसी मंत्र पर आगे बढ़ते हुए राज्य में सुशासन एवं अभिसरण विभाग नाम से एक नया विभाग गठित किया गया है। यह विभाग राज्य में चलाई जा रही जनकल्याणकारी नीतियों के सफल क्रियान्वयन व संसाधनों का उत्कृष्ट प्रबंधन करेगा।सरकारी योजनाओं की निगरानी तथा समीक्षा के लिए सुशासन दिवस पर अटल मॉनिटरिंग पोर्टल शुरू किया गया।
अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति का अंत्योदय
12.50 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहकों को मिलेगा बढ़ी हुई संग्रहण दर (5500 रुपये प्रति मानक बोरा) का लाभ प्रदान किया जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा सुदूर नक्सल प्रभावित गांव में लगभग 24 योजनाओं की पहुंच सुनिश्चित करने के लिए नियद नेल्लानार योजना शुरू की गई है।
आध्यात्मिक पर्यटन को प्रोत्साहन
राज्य की विष्णुदेव साय सरकार ने अयोध्या स्थित भव्य मंदिर में विराजे रामलला के दर्शन हेतु जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए जिस त्वरित गति से भारतीय रेलवे तथा आईआरसीटीसी जैसे उपक्रम के साथ समन्वय स्थापित किया, वह सुशासन की एक और आदर्श पहल है।
राज्य में राजिम कुंभ (कल्प) का भव्य आयोजन कर छत्तीसगढ़ सरकार ने इसे वैश्विक पहचान दी है। धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए बजट में शक्तिपीठों की स्थापना की घोषणा की जा चुकी है।
राज्य की रामायण मंडलियों को वित्तीय मदद मुहैया कराने के साथ बस्तर दशहरे के लिए बजट में विशेष प्रोत्साहन राशि आवंटित की गई है।