हैदराबाद/दमिश्क. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार को गाजा में फलस्तीनियों के “नरसंहार” की निंदा करनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि अक्टूबर 2023 से (इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन) नेतन्याहू की सरकार 200 फलस्तीनी पत्रकारों की हत्या कर चुकी है. हैदराबाद के सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया कि इजराइल विदेशी मीडिया को गाजा में प्रवेश की अनुमति नहीं देता.
उन्होंने कहा, “सात अक्टूबर, 2023 से नेतन्याहू की निर्मम सरकार 200 से अधिक फलस्तीनी पत्रकारों की हत्या कर चुकी है. इजराइली नस्लवादी सरकार विदेशी मीडिया को गाजा में प्रवेश की अनुमति नहीं देती. नरेन्द्र मोदी सरकार को गाजा में फलस्तीनियों के नरसंहार की निंदा करनी चाहिए.” भारत ने बुधवार को गाजा में दो इजराइली हमलों में पांच पत्रकारों की हत्या को “चौंकाने वाला” और “बेहद खेदजनक” बताया. खान यूनिस के नासिर अस्पताल पर सोमवार को हुए हमलों में इन पांच पत्रकारों समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी.
दमिश्क के उपनगर में इजराइली ड्रोन हमलों में छह सीरियाई सैनिक मारे गए: सरकारी मीडिया
सीरिया की राजधानी दमिश्क के दक्षिणी उपनगर पर इजराइली ड्रोन हमलों में छह सैनिक मारे गए और अन्य घायल हो गए. सरकारी मीडिया और एक युद्ध पर निगरानी रखने वाली संस्था ने बुधवार को यह जानकारी दी. ‘अल-इखबरिया’ ने बताया कि नवीनतम ड्रोन हमले मंगलवार को दक्षिणी दमिश्क के उपनगर किस्वा में हुए, जिसमें छह सैनिक मारे गए. हालांकि इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी गई. इजराइली सेना ने इन हमलों पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की.
दिसंबर में बशर अल-असद के पतन के बाद से इजराइल ने देश के विभिन्न हिस्सों पर सैकड़ों हवाई हमले किए हैं, जिससे सीरियाई सेना की संपत्ति नष्ट हुई है. ब्रिटेन स्थित ‘सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ‘ूमन राइट्स’ ने कहा कि हमले उस स्थान पर हुए जो दमिश्क को दक्षिणी प्रांत स्वेदा से जोड़ता है, जहां पिछले महीने सरकार समर्थक बंदूकधारियों और सीरिया के द्रूज. अल्पसंख्यक लड़ाकों के बीच घातक झड़पें हुई थीं.